राज्यसभा सत्र खत्म कर फिर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की तैयारी

नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में विपक्ष के कड़े प्रतिरोध का सामना कर रही सरकार ने इस उच्च सदन का सत्रावसान कर फिर से नया अध्यादेश जारी करने का फैसला किया है। पूर्व में जारी अध्यादेश की अवधि 5 अप्रैल को खत्म हो रही है और सरकार इसके पूर्व राज्यसभा में यह विधेयक पारित नहीं करा सकेगी। इसलिए यह नया रास्ता निकाला गया है।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने बताया कि शुक्रवार को हुई संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने राज्यसभा का तत्काल प्रभाव से सत्रावसान की सिफारिश करने का फैसला किया। नायडू ने यह नहीं बताया कि नया भूमि अधिग्रहण अध्यादेश कब जारी किया जाएगा। सत्रावसान करना जरूरी संसद का अभी बजट सत्र चल रहा है। फिलहाल, एक माह का अवकाश है। जब सत्र चल रहा हो तब सरकार कोई अध्यादेश जारी नहीं कर सकती है।
ऐसे में लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक सत्र को समाप्त कर ही अध्यादेश जारी किया जा सकता है। इसलिए सरकार ने राज्यसभा का सत्रावसान कर अध्यादेश जारी करने का फैसला किया है। नौ संशोधन होंगे अध्यादेश में नए अध्यादेश में सरकार द्वारा अध्यादेश के स्थान पर लोकसभा से पारित कराए गए विधेयक में किए गए नौ संशोधनों को भी शमिल किए जाने की संभावना है। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन संशोधनों को पूर्व प्रभाव के साथ मंजूरी दी गई है।
सहमति के प्रयास जारी इस बीच सरकार अध्यादेश के स्थान पर लाए गए विधेयक को राज्यसभा से पारित कराने की कोशिश कर रही है। इस संबंध में विपक्षी दलों के साथ चर्चा जारी है। सरकार विपक्ष व सत्ता पक्ष को मनाने के लिए विधेयक में कुछ और संशोधन जैसे 80 फीसदी की बजाए 51 फीसदी किसानों की सहमति अनिवार्य करने, सोशल ऑडिट की बजाए विशेषज्ञ कमेटी बनाकर अधिग्रहण के सामाजिक प्रभाव का आकलन कराने के लिए भी तैयार हो सकती है।

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