विभाग वक्त पर नहीं देते जवाब: सांसदों ने PMO से की शिकायत

कुछ सांसदों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत की है कि केंद्र सरकार के विभाग उनके सवालों के जवाब देर से देते हैं। इस मामले में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सभी संबद्ध विभागों के मंत्रियों को पत्र लिखे हैं। दिशानिर्देशों के मुताबिक, सांसदों की ओर से प्राप्त किसी भी पत्र पर ‘तुरंत’ ध्यान दिया जाए, 15 दिन के भीतर इसकी पावती दी जाए और अगले पखवाड़े के भीतर इसका जवाब दिया जाए। दिशानिर्देश कहते हैं कि जिस मामले में देर होना प्रत्याशित है उसमें अंतरिम जवाब दिया जाना चाहिए जिस पर अंतिम जवाब की संभावित तारीख लिखी हो। यह सांसदों द्वारा प्राप्त पत्रों पर तुरंत ध्यान देना सुनिश्चित करने के लिए है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पत्र में लिखा है, ”प्रधानमंत्री कार्यालय को कुछ सांसदों से संदर्भ प्राप्त हुए हैं कि उन्हें मंत्रालयों-विभागों को लिखे उनके पत्रों के जवाब में वक्त पर पावती और उत्तर प्राप्त नहीं हो रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ”मुझे खुशी होगी कि अगर आप सांसदों के पत्रों पर तेजी से जवाब देना सुनिश्चित करने के लिए उचित आदेश जारी करें और सांसदों से मिलने वाले संदर्भों के निपटान में प्रगति की समय-समय पर निगरानी के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर भी विचार करें।’’ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस संबंध में यह सुझाव भी दिया जाता है कि सांसदों से मिलने वाले पत्रों को स्कैन कर तुरंत ई-कार्यालय पर अपलोड कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, ”यह प्रणाली सांसदों से प्राप्त पत्रों के निपटान की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी करने की मदद देगी।’’ यह पहली बार नहीं है जब सांसदों ने यह मुद्दा उठाया है। पहले भी कार्मिक मंत्रालय सांसदों से मिलने वाले सभी संदर्भों के वक्त पर निपटारे के लिए सभी मंत्रालयों को पत्र लिख चुका है। पिछले साल मंत्रालयों को भेजे गए अन्य पत्र के मुताबिक, सांसदों के पत्रों का देर से जवाब देने और मौजूदा दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर लगभग हर संसद सत्र में मंत्रालय से सवाल किया जाता है। संसद सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है और यह मुद्दा वहां उठ सकता है।

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