पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का 89 वर्ष की उम्र में निधन

लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का आज सुबह सवा आठ बजे निधन हो गया। वो 89 साल के थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था। यह जानकारी एक निजी अस्पताल के एक अधिकारी ने दी। दस बार लोकसभा सांसद रहे चटर्जी माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य थे। वह 2004 से 2009 के बीच लोकसभा के अध्यक्ष रहे थे। हालांकि उनकी पार्टी के संप्रग-1 सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद लोकसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से उनके इनकार के बाद 2008 में उन्हें माकपा से निष्कासित कर दिया गया था।

जानें सोमनाथ चटर्जी के वकील से लोकसभा अध्यक्ष बनने तक का सफर

लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का सोमवार सुबह सवा आठ बजे निधन हो गया। वो 89 साल के थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था। सोमनाथ चटर्जी देश भर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे प्रखर वक्ता के रुप में जाने जाते थें। चटर्जी ने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में भी पढ़ाई की। उसके बाद ब्रिटेन में मिडिल टैंपल से लॉ की पढ़ाई करने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की। इसके बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया। दस बार चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचने वाले सोमनाथ चटर्जी 1968 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने और 1971 में पहली बार लोकसभा के सदस्य।

  • 1984 में जादवपुर में ममता बनर्जी से हुई उनकी हार को छोड़ दें तो वह बोलपुर लोकसभा क्षेत्र से लगातार जीतते रहे। 1998 में उनकी जीत का अंतर 2.5 लाख था, 1999 में 1.86 लाख तो 2004 वह 3.1 लाख वोटों से जीतकर लोकसभा में पहुंचे।
  • सोमनाथ चटर्जी को 1996 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिल चुका है।
  • 25 जुलाई 1929 को असम के तेजपुर में पैदा हुए सोमनाथ चटर्जी की एमए की शिक्षा ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुई।
  • सोमनाथ चटर्जी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से अपने अच्छे संबंधों के लिए भी जाने जाते थे।
  • वह संसद में विशेषाधिकार, रेलवे और संचार की समितियों के चेयरमैन रहे हैं और वित्त और गृह मंत्रालय की सलाहकार समितियों में भी उन्होंने कार्य किया है।
  • दुनिया भर में यात्राएं कर चुके सोमनाथ चटर्जी इंडियन लॉ इंस्टिट्यूट और इंटरनेशनल लॉ एसोसिएशन के अलावा देश की अनेक संस्थाओं के सदस्य हैं।
  • 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता विधेयक के विरोध में सीपीएम ने तत्कालीन मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, तब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे। पार्टी ने उन्हें स्पीकर पद छोड़ देने के लिए कहा लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद सीपीएम ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।
  • लोकसभा अध्यक्ष के रूप में व्यापक मीडिया कवरेज प्रदान करने हेतु सोमनाथ चटर्जी के प्रयासों से ही 24 जुलाई 2006 से 24 घंटे का लोकसभा टेलीविजन शुरू किया गया।
You might also like

Comments are closed.