अगर ओलंपिक पदक चाहिए तो सुविधाएं भी वैसी ही दो: विनेश फोगाट

विनेश फोगाट ने कहा कि भारत अपने पहलवानों से ओलंपिक पदक की उम्मीद करता है लेकिन इस तरह के चैंपियन तैयार करने के लिये उन्हें उस तरह की सुविधाएं प्रदान नहीं करता है हालांकि प्रशिक्षण की परिस्थितियों में मामूली सुधार हुआ है। हरियाणा की 23 वर्षीय विनेश अच्छी फार्म में है। उन्होंने एशियाई खेलों से पहले राष्ट्रमंडल खेल और स्पेन में ग्रां प्री में स्वर्ण पदक जीते थे। विनेश लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर का हिस्सा थी लेकिन उन्होंने खुलासा किया कि वह कुछ सत्रों में नहीं गयी क्योंकि अभ्यास हॉल में काफी गर्मी थी और कड़े अभ्यास से उन्हें चोट लग सकती थी। विनेश ने कहा, ‘हमें अब एशियाई खेलों में खेलना है और उसके बाद विश्व चैंपियनशिप होने वाली है लेकिन चीजें अब भी जहां की तहां हैं। (अभ्यास स्थलों पर) भोजन में सुधार हुआ है लेकिन कई चीजों में बदलाव की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर आपको ओलंपिक पदक चाहिए तो आपको उस तरह की सुविधाएं भी प्रदान करनी होंगी। परिस्थितियां कैसी भी हों हम अभ्यास करते हैं लेकिन इससे हमारी फिटनेस प्रभावित होती है और यह चोट का कारण भी बन सकती हैं। (लखनऊ में) कुश्ती हॉल में इन दिनों भी बहुत गर्मी थी जबकि यह बारिश का मौसम है।’ विनेश ने कहा, ‘हमें बहुत पसीना आता था और इससे आपकी फिटनेस प्रभावित होती है। मुझे घुटनों में दर्द महसूस होने लगा था। कई बार वहां बिजली नहीं होती थी। मैंने कुछ अवसरों पर अभ्यास नहीं किया। लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं।’ विनेश ने हालांकि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की आलोचना नहीं की। उन्होंने भारतीय पहलवानों के लिये डब्ल्यूएफआई और नये प्रायोजक टाटा मोटर्स द्वारा आयोजित विदाई समारोह में कहा, ‘महासंघ अपना काम कर रहा है लेकिन वह सब कुछ अकेला नहीं कर सकता। अन्य को भी अपना काम ईमानदारी से करना होगा। किसी महत्वपूर्ण प्रतियोगिता से पहले आप अभ्यास से समझौता नहीं कर सकते हैं।’

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