मुंबई के रास्ते देश पर हो सकता है वायरस अटैक, हज जाने वाले सतर्क

मुंबई- भारत में मध्य एशिया से मिडिल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम (एमईआरएस) वायरस के फैलने की आशंका जताई गई है। इस साल हज या अन्य कारणों से मध्य एशिया के देशों की यात्रा पर जाने वालों के इस वायरस से संक्रमित होने की आशंका जताई गई है।
टोरंटो में सेंट माइकल अस्पताल के वैज्ञानिकों ने शनिवार को यह चेतावनी दी है कि एसएआरएस वायरस की तरह ही एमईआरएस वायरस भी फैल सकता है। इसका सबसे यादा खतरा भारत में बना हुआ है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में आने वाले बड़े मौकों पर इस संकट के बढऩे की यादा आशंका है। तब लाखों की संख्या में मध्य एशिया जाने वाले लोग इस वायरस प्रभावित हो सकते हैं।
इस टीम के मुताबिक भारत में यह खतरा और अधिक इसलिए है क्योंकि भारत में इस वायरस को पहचानने और उसकी रोकमथाम की क्षमता बहुत कम है।
इस वायरस से बुखार, निमोनिया, सांस लेने में दिक्कत और खांसी जैसे दिक्कतें हो सकती हैं और जान का भी खतरा है।
हज पर जाएंगे लाखों लोग
आने वाले दो त्योहारों पर मुसलिम समुदाय के लाखों लोग मध्य एशिया जाएंगे। अनुमान है कि करीब 1.7 लाख भारतीय मुसलमान इस साल हज के लिए जा सकते हैं।
अगर ये लोग मध्य एशिया के देशों में जाकर इस वायरस से प्रभावित होते हैं तो वापस लौटने पर वह भारत में भी फैल सकता है।
भारत में मुंबई और कोझिकोड से इस वायरस के आने की यादा आशंका है क्योंकि यहां से मध्य एशिया जाने वाले अधिकतर लोग हवाई यात्रा करते हैं।
इससे पहले पिछले साल 2012 में भी जो लोग भारत आए उनके इस वायरस से प्रभावित होने की आशंका है। एमईआरएस वायरस के वर्ष 2012 की शुरूआत में मध्य एशिया में पाए जाने की बात सामने आई थी। वहां से इसके पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अफ्रीका में भी फैलने का पता चला है।
वैज्ञानिकों की इस टीम के अनुसार सऊदी अरब, जोर्डन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात से पिछले साल जून से नवंबर 2012 के बीच 1.68 करोड़ लोग गए थे। यह लोग आठ देशों में वापस गए जिनमें से भारत में 16.3त्न, मिस्र 10.4त्न, पाकिस्तान 7.8त्न, ब्रिटेन 4.3त्न, कुवैत 3.6त्न, बांग्लादेश 3.1त्न और ईरान 3.1त्न पहुंचे।

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