दिल्ली गैंगरेप: नाबालिग आरोपी पर पांच अगस्त को आएगा फैसला

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में चलती बस में फिजियोथेरेपिस्ट युवती के साथ गैंगरेप मामले में नाबालिग आरोपी के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने फैसला टाल दिया है। बोर्ड ने अब पांच अगस्त तक फैसला टाल दिया है। आरोपी गत चार जून को बालिग हो गया है। फिर भी उसे नाबालिग मानते हुए ही सजा सुनाई जाएगी। अगर तीन साल की सजा होगी, तब उसे बाल सुधार गृह के स्पेशल होम में 21 वर्ष की आयु तक रखा जाएगा।
आरोपी बदायूं, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। पांच भाई बहनों में सबसे बड़े आरोपी ने 12 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और भागकर दिल्ली आ गया था। यहां आनंद विहार बस अड्डे से चलने वाली निजी बसों में वह परिचालक की नौकरी करने लगा।
उसने वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 को चार्टर्ड बस में पांच अन्य साथियों के साथ मिलकर 23 वर्षीय फिजियोथेरेपिस्ट युवती को हवस का शिकार बनाया। सिंगापुर में उपचार के दौरान युवती की मौत हो गई थी।
पुलिस के आरोप पत्र के अनुसार, नाबालिग आरोपी ने ही युवती के साथ सबसे यादा दरिंदगी की। उसने न सिर्फ युवती से दो बार रेप किया बल्कि उसके संवेदनशील और आंतरिक अंगों को भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया, जो उसकी मौत का कारण बना।
दिल्ली गैंगरेप मामले के एक आरोपी मुकेश ने साकेत कोर्ट में कहा कि 16 दिसंबर की रात अन्य पांचों ने फिजियोथेरेपिस्ट छात्रा निर्भया के साथ गैंगरेप किया था, लेकिन उसने कुछ नहीं किया।
वसंत विहार गैंगरेप की घटना की याद मन में सिहरन पैदा कर देती है। पुलिस के अधिकारियों की मानें तो हाल के सालों में इतनी वीभत्स घटना उनके सामने नहीं आई। जिस प्रकार पूरी वारदात में एक नाबालिग की भूमिका सामने आई है उससे भी लोग सकते में हैं।
चलती बस में गैंगरेप की शिकार हुई युवती भले ही आज हमारे बीच नहीं हो लेकिन उसकी याद आज भी हम सभी के जहन में है। आज भी उसके लिए हक की आवाज में कोई कमी नहीं आई है। वह एक सफल युवती थी। साथ ही, अपने भविष्य के लक्ष्य को लेकर बेहद संजीदा थी। इस बात की तस्दीक कर रहा है, वो रिजल्ट जो उसकी मौत के बाद जारी किया गया। अपने फिजियोथेरेपिस्ट की आखिरी परीक्षा में वह 73 फीसद अंक पाकर फर्स्ट डिवीजन में पास हुई।
दिल्ली गैंगरेप मामले का पीडि़त युवक 16 दिसंबर की रात हुई घटना को याद कर सिहर उठता है। इसकी चर्चा छिड़ते ही उनकी आंखें छलक पड़ती हैं। चेहरे पर दर्द उभर आता है। उसके मुताबिक, घटना का कोई भी आरोपी बचना नहीं चाहिए। नाबालिग आरोपी सबसे यादा दरिंदगी करने वालों में शामिल था, इसलिए अगर वह बच गया तो सारी मेहनत-कोशिश बेकार जाएगी।

You might also like

Comments are closed.