राडिया टेप केस में शीर्ष कोर्ट ने उठाए कई सवाल

नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने आयकर विभाग से पूछा है कि क्या उन्होंने उस ऑथरिटी को जिसने उन्हें रतन टाटा और नीरा राडिया के फोन टेप करने का जिम्मा सौंपा था, को इस मामले की गंभीरता के बारे में सूचित किया था। कोर्ट ने पूछा कि क्या इस मामले में आयकर विभाग ने जांच एजेंसी सीबीआइ को इस बात की जानकारी दी थी कि फोन टेपिंग के आधार पर किसी तरह का आपराधिक मामला बनता है। कोर्ट ने जानना चाहा कि आखिर पांच वर्षो से जब से इस मामले में फोन टेप किए गए कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया। इस मामले में अब अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कल कहा था कि पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के फोन टेप की कई बातें परेशान कर देने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जी. एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा की पीठ के समक्ष एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एएस चांडोक ने कहा कि नीरा राडिया टेप को किसी के भी द्वारा और कहीं भी खोलकर नहीं दिखाया जा सकता है। इसको केवल आयकर विभाग ही दिखा सकता है। गौरतलब है कि पांच हजार घंटो के इस वीडियो टेप में नीरा राडिया और रतन टाटा के बीच हुई काफी कुछ अहम बातें छिपी हैं।
सीबीआइ ने इस मामले में एक प्रारंभिक जांच दर्ज करने और प्रतिलिपि से संबंधित कुछ मुद्दों पर अन्य एजेंसियों के साथ मिल कर जांच करने की जरूरत पर बल दिया था।
गौरतलब है कि आयकर विभाग ने 2008-09 के बीच तीन बार 60-60 दिनों के लिए फोन को निगरानी पर रखा था।

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