6 साल से ठंडे बस्ते में पड़ी सिफारिशें लागू करेंगे फड़नवीस

मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमले के बाद गठित राम प्रधान समिति की वह सिफारिशें देवेंद्र फड़नवीस सरकार लागू करेगी, जिन्हें पिछली सरकार छह वर्ष में लागू नहीं कर सकी। महाराष्ट्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री विनोद तावड़े ने बुधवार को यह आश्वासन दिया।

मुंबई आतंकी हमले के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने प्रधान समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में भविष्य में ऐसे हमलों से बचने के लिए कई सिफारिशें भी की थीं। इनमें से कुछ सिफारिशें ही अब तक लागू की जा सकी हैं। बुधवार को मरीन ड्राइव स्थित पुलिस जिमखाना में 26/11 के शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे तावड़े ने कहा, प्रधान समिति की वे सभी सिफारिशें भाजपा सरकार लागू करेगी, जिन्हें पिछली सरकार के कार्यकाल में लागू नहीं किया जा सका है।

इससे पहले तावड़े शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से भी मिलने गए। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों की समस्याओं को लेकर उनकी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से बात हुई है। इन समस्याओं का निदान भी जल्द कर लिया जाएगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के महाराष्ट्र दौरे के कारण मुख्यमंत्री फड़नवीस मुंबई में नहीं थे। इसलिए वह पुलिस जिमखाना में बनाए गए शहीद स्मारक पर उपस्थित नहीं हो सके। लेकिन, एक संदेश में उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए देश एवं राज्य की सुरक्षा के लिए हरसंभव उपाय करने का आश्वासन दिया।

हमले में गई थी 166 की जान

चार दिन चले मुंबई आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। जान की बाजी खेलकर सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों में से नौ को मार गिराया था और एक हमलावर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने में कामयाब रहे थे। अदालती फैसले के बाद कसाब को फांसी दी जा चुकी है।

मुंबई तट की सुरक्षा भगवान भरोसे

शिवसेना ने आरोप लगाया है कि 26/11 के छह साल बाद भी महानगर की तटवर्ती सुरक्षा भगवान भरोसे है और ऐसा सरकार की लापरवाही की वजह से है। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए लेकिन उन्हें पूरा करने में नाकाम रही। महानगर पर आतंकी हमले के लिए पाकिस्तानी हमलावर समुद्र के रास्ते ही मुंबई आए थे।

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