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तुलसीदास की रामचरित मानस में ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और नारी का अर्थ

डॉ. छाया मंगल मिश्र तुलसीदास जी रचित रामचरित मानस में नारियों को सम्मान जनक रूप में प्रस्तुत किया है। जिससे ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:’ ही सिद्ध होता है। नारियों के बारे में उनके जो विचार देखने में आते हैं उनमें से कुछ…
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