भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

10_04_2015-sci9नई दिल्ली, अभी तक नए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का सड़क पर ही विरोध हो रहा था लेकिन अब यह मामला अदालत भी पहुंच गया है। कुछ किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को चुनौती दी है। याचिका में अध्यादेश को असंवैधानिक ठहराते हुए निरस्त करने की मांग की गई है। इतना ही नहीं अध्यादेश पर रोक लगाने की भी मांग की गई है। यह याचिका दिल्ली ग्रामीण समाज, भारतीय किसान यूनियन, ग्राम सेवा समिति व एक अन्य संगठन की ओर से दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि यह अध्यादेश राष्ट्रपति की किसी मामले में अध्यादेश जारी करने की शक्ति के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण है। याचिका में मांग की गई है कि सरकार को इसे लागू करने से रोका जाए। कहा गया है कि राजनीतिक एकता और आमसहमति न होने के कारण सदन में विधेयक पास न हो सकने का भय किसी मामले में अध्यादेश जारी करने का आधार नहीं हो सकता। बार-बार अध्यादेश जारी करना संवैधानिक व्यवस्था का दुरुपयोग है। इस अध्यादेश में यह भी नहीं बताया गया है कि अध्यादेश जारी करने की ऐसी कौन सी तात्कालिक जरूरत आन पड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट पहले भी अपनी टिप्पणी में कह चुका है कि अध्यादेश राज की अनुमति नहीं है और ये संविधान के साथ धोखा है। याचिका में कहा गया है कि दोबारा से भूमि अधिग्रहण अध्यादेश जारी करना शक्ति और प्रक्रिया का दुरुपयोग है। गत 10 मार्च को लोकसभा से भूमि अधिग्रहण विधेयक पारित हो गया, फिर 20 मार्च को दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। उसके बाद 28 मार्च को राज्यसभा का सत्रावसान घोषित कर दिया गया ताकि यह अध्यादेश जारी किया जा सके। यह ठीक नहीं है। याचिका में और भी कई आधारों पर अध्यादेश को चुनौती दी गई है।

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