सत्यम महाघोटाला: राजू समेत दस को सात साल की जेल

09_04_2015-satyam_verdictहैदराबाद। कॉरपोरेट जगत को हिला देने वाले सत्यम घोटाले में आखिरकार छह साल बाद फैसला आ ही गया। सीबीआइ की विशेष अदालत ने गुरुवार को फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कंपनी के संस्थापक बी रामलिंगा राजू, उसके भाई रामा राजू और सूर्यनारायण राजू के अलावा सात अन्य लोगों को दोषी करार दिया। इन सभी को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है।
राजू और उसके भाई रामा राजू पर 5.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जबकि अन्य के लिए जुर्माने की यह राशि 25 लाख रुपये तक है। यह मामला सात जनवरी, 2009 को तब सामने आया था, जब इसके सूत्रधार राजू ने खुद कंपनी के खातों में हेराफेरी की बात स्वीकारी थी।विशेष जज बीवीएलएन चक्रवर्ती ने इस महाघोटाले पर फैसला सुनाया।
फैसला सुनाए जाते वक्त दसों अभियुक्त कोर्ट में मौजूद थे। मीडिया को अनुमति नहीं मिली थी। फैसला सुनाने के बाद न्यायाधीश ने सीबीआइ को सभी दोषियों को हिरासत में लेने का आदेश दिया। साल 2009 की शुरुआत में रामलिंगा राजू ने सत्यम कंप्यूटर्स के बही-खातों में हेराफेरी तथा कई साल तक मुनाफा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की बात कुबूली थी।
दो दिन बाद राजू और उसके भाई रामा राजू को आंध्र प्रदेश पुलिस की अपराध जांच शाखा ने गिरफ्तार कर लिया था। बाकी आरोपी भी कुछ दिनों में पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे। करीब छह साल पहले शुरू हुए मामले की सुनवाई में करीब 3,000 दस्तावेजों को रखा गया। 226 गवाहों से पूछताछ हुई।
अप्रैल, 2009 में महिंद्रा एंड महिंद्रा के स्वामित्व वाली टेक महिंद्रा ने सत्यम को खरीद लिया था। इसका नाम बदलकर महिंद्रा सत्यम कर दिया था। आगे चलकर सत्यम पूरी तरह से टेक महिंद्रा का हिस्सा बन गई और इसका अस्तित्व समाप्त हो गया।
ये हैं दस घोटालेबाज
1. बी रामलिंगा राजू, सत्यम का संस्थापक व पूर्व चेयरमैन2. रामा राजू (पूर्व एमडी)3. बी सूर्यनारायण राजू 4. पूर्व सीएफओ वी श्रीनिवास 5. पीडब्ल्यूसी के पूर्व ऑडिटर एस गोपालकृष्ण और 6. टी श्रीनिवास7. पूर्व कर्मचारी जी रामकृष्ण 8. डी वेंकटपति राजू 9. सीएच श्रीशैलम 10. सत्यम का पूर्व चीफ ऑडिटर वीएस प्रभाकर। इन अपराधों में सजा सूर्यनारायण व वीएस प्रभाकर गुप्ता को छोड़ अन्य आठ दोषियों को शेयरों में जालसाजी, आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, बही-खातों में हेराफेरी के अपराध में सजा हुई है।

4 साल 4 माह जेल में रहेगाराजू राजू गिरफ्तारी व मुकदमे के दौरान 32 माह तक जेल में रह चुका है। उसे सात साल यानी 84 माह की सजा हुई है। पूर्व की जेल अवधि कम करने पर उसे 52 माह यानी 4 साल 4 माह ही जेल में रहना होगा निवेशकों को 14 हजार करोड़ की चपतकंपनी के खातों में हुआ घोटाला सात हजार करोड़ का था, लेकिन देश के निवेशकों को इससे 14 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था। जबकि राजू व अन्य को 1900 करोड़ का गैर कानूनी लाभ हुआ था।

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