छूट के बाद भी भिवंडी ट्रायल कोर्ट में हाजिर हुए राहुल

12ठाणे। महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस पर कथित आरोप लगाने से संबंधित आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी शुक्रवार को यहां भिवंडी की एक अदालत में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि गुरुवार को मामले में उनके खिलाफ सुनवाई पर रोक लगा दी थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष 30 मार्च को उनके वकील द्वारा की गई प्रतिबद्धता के अनुरुप आज मजिस्ट्रेट डीपी काले के समक्ष पेश हुए। अदालत ने मामले की सुनवाई 30 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। अदालत में 15 मिनट रुके राहुल ने संवाददाताओं से कहा कि वह अदालत से की गई प्रतिबद्धता का पालन करने आए थे। राहुल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में कहा कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं, इसीलिए मैं यहां आया हूं। मैंने अदालत से प्रतिबद्धता की थी। मैं प्रतिबद्धता को पूरा करने आया हूं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि जो लड़ाई गांधी जी ने लड़ी, वह हमारी लड़ाई है। हम उसे लड़ेंगे और हम जीतेंगे। वह बेंगलुरु के रास्ते में आज सुबह मुंबई पहुंचे और ठाणे के लिए रवाना हो गए। उच्चतम न्यायालय ने आरएसएस पदाधिकारी राजेश कुंते द्वारा भिवंडी अदालत में दायर आपराधिक मानहानि मामले में कल राहुल के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति पीसी पंत की पीठ ने कल कहा था कि निचली अदालत में लंबित मामले में सुनवाई की अगली तारीख तक आगे की सुनवाई पर स्थगन रहेगा। अदालत ने राहुल की उस याचिका को भी नत्थी कर दिया था जिसमें उन्होंने आपराधिक मानहानि से निपटने वाले दंड प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी थी। शिकायतकर्ता राजेश कुंते ने आरोप लगाया था कि पिछले साल छह मार्च को ठाणे जिले में एक रैली के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या आरएसएस के एक कार्यकर्ता ने की थी। कुंते आरएसएस की भिवंडी इकाई के सचिव हैं। उनके शिकायत दर्ज कराने के बाद मजिस्ट्रेट ने राहुल को नोटिस जारी कर पेश होने को कहा था।

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