जाली सर्टीफिकेट बनाकर पहुंचा कैनेडा

मोगा – गांव किशनपुरा कलां निवासी जसविन्द्र सिंह की ओर से अपने जन्म का जाली सर्टीफिकेट बनाकर फैमिली केस के माध्यम से कैनेडा पहुंचने का मामला सामने आया है।
इस संबंध में थाना एन.आर.आई. की ओर से किरनपाल कौर पुत्री इकबाल सिंह निवासी सवद्दी खुर्द (लुधियाना) हाल कैनेडा की शिकायत पर जसविन्द्र सिंह पुत्र स्वर्ण सिंह निवासी किशनपुरा कलां हाल कैनेडा के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच थाना एन.आर.आई. के प्रभारी इंस्पैक्टर राजवीर सिंह की ओर से की जा रही है।
जिला पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायत पत्र में किरनपाल ने कहा कि वह कनाडियन सिटीजन है, उसकी शादी करीब 12 साल पहले जगरूप सिंह मान पुत्र स्वर्ण सिंह मान के साथ हुई थी। शादी के उपरांत मैंने अपने पति जगरूप सिंह, सास रंजीत कौर, ससुर स्वर्ण सिंह को कैनेडा बुला लिया, परंतु कैनेडा पहुंचने के बाद 2011 में जगरूप ने मेरे से तलाक लेकर दूसरी शादी रचा ली।
उसने कहा कि जब मेरे सास-ससुर ने कैनेडा आने के लिए अप्लाई किया तो उस समय मेरे देवर जसविन्द्र सिंह की उम्र 4 साल यादा थी, जिस कारण वह फैमिली केस में कैनेडा नहीं जा सकता था, क्योंकि वह उस समय बालिग हो चुका था। इसके लिए जसविन्द्र का जाली जन्म सर्टीफिकेट तैयार करवाया गया जिसमें वह अपनी असली जन्म तारीख 30 अप्रैल 1979 की बजाय 30 अप्रैल 1983 दर्शाकर अपना पासपोर्ट चंडीगढ़ से 2001 में बनाकर कैनेडा पहुंच गया तथा इस उपरांत उक्त जाली दस्तावेजों के आधार पर ही उसने 8 नवम्बर 2011 को कनाडियन पासपोर्ट जारी करवाया। इस तरह उसने पासपोर्ट दफ्तर चंडीगढ़ के अलावा कनाडियन दूतावास से भी धोखाधड़ी की है।
जिला पुलिस अधीक्षक ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच थाना एन.आर.आई. के इंस्पैक्टर राजवीर सिंह को करने का आदेश दिया, जिन्होंने जसविन्द्र के पासपोर्ट बनाने समय लगाए गए जन्म सर्टीफिकेटों की जांच सिविल सर्जन दफ्तर तथा नगर निगम के रिकार्ड देख कर की तो जसविन्द्र की ओर से अपना जन्म सर्टीफिकेट जो नगर कौंसिल की ओर से जारी किया गया, जिसमें उसकी जन्म तारीख 30 अप्रैल 1983 है तथा रजिस्ट्रेशन नंबर 1193 बताया गया था, रिकार्ड में नहीं पाया गया।
जब किशनपुरा कलां के गवर्नमैंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल में दर्ज जन्म तारीख की जांच की गई तो स्कूल रिकार्ड के मुताबिक उसकी असल जन्म तारीख 30 अप्रैल 1979 है, इसलिए उक्त मामले में जसविन्द्र सिंह को कथित दोषी पाया गया है। जांच अधिकारी की ओर से जांच रिपोर्ट जिला पुलिस अधीक्षक को भेजी गई जिन्होंने कानूनी राय लेने के उपरांत कथित दोषी के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आदेश दिया। इस मामले में कथित दोषी की गिरफ्तारी बाकी है।

 

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