टोरंटो में अनियंत्रित ट्रक ने पैदल चल रहे लोगों को कुचला, 10 की मौत 16 घायल

आरोपी ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया, पुलिस अधिकारियों ने आरंभ कर दी जांच प्रक्रिया
टोरंटो। मध्य टोरंटो में एक ट्रक ने लगभग दर्जन भर से ज्यादा राहगीरों को कुचल दिया। इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई जबकि 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची, पुलिस ने घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया। जहां ज्यादार लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। टोरंटो पुलिस ने इस पूरे घटना की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल से दी। टोरंटो पुलिस के प्रमुख पीटर यून ने बताया कि घटना में अभी तक 10 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि अभी तक हमारे पास घायलों को किस तरह की चोटें आई हैं और उन्हें कब तक अस्पताल से छुट्टी मिल पाएगी इसके बारे में कोई सूचना नहीं है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस घटना में किसी आतंकी संगठन के शामिल होने की बात सामने आ सकती है। हालांकि पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने घटना के बाद आरोपी ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार पूरी घटना योंग स्ट्रीट और फिंच एवेंन्यू के बीच में हुई है। घटना के दौरान बेकाबू ट्रक ने पहले सड़क किनारे बनी इमारत के दीवार पर टक्कर मारी और बाद में फुटपाथ और सड़क के किनारे चल रहे लोगों को रौंदते हुए आगे बढ़ गई। कुछ चश्मीददों ने बताया कि जिस तरह से ट्रक का चालक उसे चला रहा था उससे यह साफ लग रहा है कि चालक ने जानबूझकर लोगों को अपना शिकार बनाया है। मामले की जांच कर रही पुलिस के अनुसार इस पूरी घटना में कई बुजुर्गों को भी गंभीर चोटें आई हैं। गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका और यूरोप के कई देशों में इसी तरह से कई बड़ी आतंकवादी घटनाएं पहले हो चुकी हैं। इस मामले में भी पुलिस हर एंगल की जांच कर रही है।
टोरंटो की घटना दुखद और मूर्खतापूर्ण : ट्रुडो
कैनेडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने टोरंटो शहर में वैन चालक द्वारा राहगीरों को रौंदे जाने की घटना को देश के इतिहास की सबसे हिंसक, दुखद और मूर्खतापूर्ण कृत्य बताया है। प्रधानमंत्री ट्रुडो ने अपने बयान में कहा, टोरंटो में हुई दुखद घटना और मूर्खतापूर्ण कार्य के बारे में सुनकर दुख पहुंचा है। हम सभी अपने शहरों और सार्वजनिक स्थानों पर चलते हुए सुरक्षित रहने चाहिए। पुलिस सूत्रों के अनुसार कैनेडा के उत्तरी टोरंटो में 25 वर्षीय एक वैन चालक एलेक मिनासियन ने पैदल लोगों को रौंद डाला। दुर्घटना में 10 लोगों की मौत हो गई तथा 15 अन्य लोग घायल हो गए है। टोरंटो पुलिस प्रमुख मार्क सांडर्स ने कल देर रात संवाददाता सम्मेलन में कहा बताया कि पैदल यात्रियों पर वैन से रौंदे जाने की घटना घटी है। कैनेडा ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि मिनासियन किसी आतंकवादी समूह से ताल्लुक नहीं रखता।
हमले के लिए वाहन बन चुका है सबसे घातक हथियार, सभी को सतर्क रहने की जरूरत :
जर्मनी में म्यूनस्टर की घटना को अभी दो सप्ताह से कुछ ही ज्यादा दिन हुए हैं कि उस तरह की एक और घटना ने हमें फिर इस तरफ सोचने को मजबूर कर दिया है। इस बार कैनेडा का टोरंटो इस तरह की घटना की गवाही दे रहा है। सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे योंग स्ट्रीट पर एक बेकाबू ट्रक ने करीब दो दर्जन लोगों को कुचल दिया। इस घटना में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 16 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया है। स्थानीय पुलिस इस घटना की जांच कई पहलुओं पर कर रही है। हालांकि इसको एक आतंकी घटना मानने से पुलिस ने अभी तक इंकार नहीं किया है।
आरोपी ने अपने पास बंदूक होने का किया दावा :
पुलिस ने संदिग्ध आरोपी का खुलासा करते हुए उसका नाम ऐलेक मिनासेन बताया है। उसकी उम्र 25 वर्ष बताई गई है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें संदिग्ध पुलिस पर जोर-जोर से चिल्ला कर कह रहा है। इसके बाद बाद पुलिस की तरफ से उसको लगातार हाथ पीछे कर नीचे बैठने के लिए कहा जाता रहा। वहीं आरोपी ने कहा कि उसके पास में बंदूक है। हालांकि आरोपी पर काबू पाने के लिए पुलिस को कोई गोली नहीं चलानी पड़ी और उसपर काबू पा लिया गया। पुलिस आरोपी को मंगलवार स्थानीय समयानुसार दस बजे कोर्ट में पेश करेगी।
पहले भी हो चुकी हैं इस तरह की घटनाएं :
जर्मनी : बहरहाल, कैनेडा में इस तरह की भले ही से पहली घटना हो लेकिन यूरोप के कई देशों में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पूर्व की इन घटनाओं के पीछे किसी न किसी आतंकी संगठन का भी हाथ रहा है। लिहाजा पूर्व की इन घटनाओं को आतंकी हमले करार दिया गया था। म्यूनस्टर की घटना भी इन्घ्हीं में से एक थी। 8 अप्रैल 2018 को हुए इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि तीस लोग घायल हो गए थे। यहां पर भी हमलावर ने एक वैन को हथियार बनाया था। हमले को अंजाम देने के बाद वैन में सवार हमलावर ने भी खुद की भी गोली मारकर आत्घ्महत्घ्या कर ली। यह घटना जर्मनी के राज्य नॉर्थराइन वेस्टफेलिया के पुराने शहर म्यूनस्टर में घटी थी। आपको बता दें कि म्घ्यूनस्घ्टर सैलानियों का पसंदीदा शहर है। जर्मनी आने वाले सैलानी एक बार इस खूबसूरत शहर को देखने के लिए काफी संख्घ्या में यहां का रुख करते हैं। जिस वक्घ्त यह हमला किया गया उस वक्घ्त वहां स्थित ओपन रेस्घ्त्रां ग्रासर केंपनकर्ल में काफी भीड़ थी। लोग अपने खाने और ड्रिंक का लुत्घ्फ उठा रहे थे। इतने में ही एक तेज गति से आते ट्रक ने वहां की खुशियों को मातम में बदल दिया।
फ्रांस : 22 दिसंबर 2014 को फ्रांस के नांतेस शहर और 14 जुलाई 2016 को फ्रांस के ही एक अन्य शहर नीस में आतंकी ने हमले को अंजाम दिया था। नीस हमले में करीब 86 लोगों की मौत हुई थी जबकि 400 के करीब लोग घायल हुए थे। वहीं नांतेस में दस लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 7 अप्रैल 2017 को स्टॉकहोम में भारतीय दूतावास के निकट भीड़ को रौंदते हुए एक ट्रक डिपार्टमेंटल स्टोर में जा घुसा था। इस हमले में पांच लोग मारे गए थे और 15 लोग घायल हो गए थे। 9 अगस्त 2017 को पेरिस में एक व्यक्ति ने कुछ सैनिकों को बीएमडब्ल्यू गाड़ी से कुचल दिया था। इसमें छह लोग घायल हो गए थे।
ब्रिटेन : 3 जून 2017 को लंदन में तीन जिहादियों ने लंदन ब्रिज पर मौजूद लोगों को तेज रफ्तार वैन से कुचल दिया था। इसके बाद उन्घ्होंने लोगों पर चाकू से भी हमला किया था। इसके बाद जून में भी फिंसबरी पार्क में भी इसी तरह की घटना हुई थी। वहीं 22 मार्च 2017 को वेस्टमिंस्टर पुल पर एक व्यक्ति ने लोगों पर कार चढ़ा दी थी। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसके पहले 22 मई को मैनचेस्टर में एरियाना ग्रैंड के एक प्रोग्राम में सुसाइड बंबर ने 22 लोगों की हत्या कर दी थी।
अमेरिका : 12 अगस्त 2017 को वर्जीनिया के चार्ल्ट्सविले में विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों पर गाड़ी दौड़ा दी थी। जेम्स फील्ड्स नामक एक व्यक्ति को इसका जिम्मेदार बताया गया। 26 अक्टूबर 2015 को अमेरिका में एक महिला ने ओकलाहोमा यूनिवर्सिटी की होमकमिंग परेड के दौरान भीड़ पर कार चढ़ा दी, जिसमें एक भारतीय एमबीए छात्रा सहित चार लोगों की मौत हो गई और 47 अन्य लोग घायल हो गए। संदेह है कि महिला शराब पीकर गाड़ी चला रही थी।
फिर करना होगा विचार :
इस हमले ने एक बार फिर से दुनिया को आतंकवाद से बचाव और उनके हमला करने के तरीकों पर दोबारा विचार करने को बाध्य कर दिया है। भले ही यह कोई आतंकी घटना न हो लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यूरोप के कई देश जिसमें ब्रसेल्स और ब्रिटेन भी शामिल हैं इस तरह के हमलों की मार झेल चुका है। लिहाजा अब दुघ्निया के देशों को इस ओर सोचने की बेहद जरूरत है कि वह अपने यहां भीड़-भाड़ वाले इलाकों, सड़कों या शहरों में इस तरह के वाहनों की आवाजाही को सुनिश्चित करें या उनको रोक दें। आपको बता दें कि आतंकियों के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाके बेहद आसान निशाना हुआ करते हैं। इसमें भी यदि हमला किसी वाहन से किया जाना हो तो इसको वक्त रहते भांप लेना भी काफी मुश्किल होता है। ऐसे में सावधान रहने की बेहद जरूरत है।
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