टोरंटो अब और अधिक शरणार्थियों को आश्रय नहीं दे सकता : टोरी

टोरी ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र कि टोरंटो में चल रहा शेल्टर प्रणाली सामना कर रहा हैं ओवरक्राउड का
टोरंटो। मेयर जॉन टोरी ने अपने लिखित पत्र में केंद्र सरकार को यह स्पष्ट लिखा कि टोरंटो अब और अधिक शरणार्थियों को वहन नहीं कर सकता, शहर में और अधिक शरणार्थियों के लिए आश्रय स्थल नहीं हैं, यदि इसमें अधिक जोर दिया गया तो इससे भयावह स्थिति पैदा हो सकती हैं। टोरी ने आगे कहा कि उन्होंने और सिटी काउन्सिल ने यह ‘स्पष्ट’ कह दिया हैं कि सिटी अभी फिलहाल और अधिक आंगतुकों का स्वागत नहीं कर सकता, इसका अर्थ हैं कि शहर में और अधिक शेल्टर सुविधाएं शेष नहीं हैं, यदि इसमें किसी प्रकार की कोई जबरदस्ती की गई तो शहर में आवासीय समस्याएं उत्पन्न हो जाएंगी। टोरी ने आगे लिखा कि हमारा शहर का इतिहास अपने आश्रय सुविधा के लिए हमेशा जाना जाता रहा हैं, परंतु इस समय स्थिति बहुत बदल चुकी हैं, जिसके कारण हमें बहुत ही खेद के साथ यह कहना पड़ रहा हैं कि टोरंटो अब और अधिक शरणार्थियों को आश्रय नहीं दे सकता। आंकड़ों का हवाला देते हुए मेयर ने कहा कि इस समय शहर में और अधिक शरणार्थियों के लिए कोई स्थान शेष नहीं है, अपितु 800 शरणार्थियों को अस्थाई निवास उपलब्ध का स्थान मौजूद हैं, परंतु इसके लिए भी अस्थाई शरणार्थी ही उचित होंगे। जिन्हें भी आगामी 9 अगस्त को रिक्ती के पश्चात ही स्थान मिल पाएंगा। इस प्रकार शरणार्थियों की आवास सुविधा के लिए भविष्य में और अधिक उपाय सोचने होंगे, अन्यथा यह स्थिति और अधिक भयानक हो सकती हैं, उन्होंने आगे कहा कि ये 800 शरणार्थी भी उन 3000 शरणार्थियों के आवागमन के पश्चात ही व्यवस्थित किएं जा सकेंगे। उन्होंने काउन्सिल के विचार पर भी सहमति जताई और कहा कि मेरे विचार से सिटी में समझौते की स्थिति अपनाना उचित नहीं होगा। इससे सरकार को एक उचित योजना बनानी होगी।
सिटी को और अधिक धन की आवश्यकता हैं : टोरी
स्टाफ की नई रिपोर्ट के अनुसार सिटी को शरणार्थियों के आवास सुविधाओं के लिए प्रत्यक्ष लागतों की आवश्यकता हैं, जिसे पूरा करने के लिए और अधिक धन की आवश्यकता हैं और यदि इसे समय पर पूर्ण नहीं किया गया, तो मौजूदा प्रबंधन स्थिति भी गड़बड़ा सकती हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में आश्रय स्थलों के प्रबंधन हेतु 64.5 मिलीयन डॉलर अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता हैं। टोरी ने अपने संदेश में आगे कहा कि हम यह भी कहते हैं कि हम अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं रहे, बल्कि अव्यवस्था के डर से यह घोषित कर रहे हैं कि अभी फिलहाल अतिरिक्त शरणार्थियों से प्रांत की प्रत्येक व्यवस्था चरमरा सकती हैं जिसके लिए केंद्र सरकार को स्वयं मदद के लिए आगे आना चाहिए।
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