लतविया सम्मेलन से पूर्व ट्रुडो मिले कैनेडियन सेना से

– माना जा रहा हैं कि इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री करेंगे नाटो मिशन का नेतृत्व
औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो अपनी लतविया यात्रा से पूर्व कैनेडियन सेना से मिले और कैनेडियन मिलीट्री से नाटो संबंधी चर्चा भी की, उन्होंने आशा जताई कि आगामी सप्ताह में ब्रुसैल में होने वाले सम्मेलन में नाटो पर कोई न कोई निर्णय अवश्य लिया जाएगा, जिसका प्रत्यक्ष लाभ कैनेडा को होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री लतविया के शताब्दी समारोह में भी भाग लेंगे जिसके पश्चात वह पहली बार द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और दोनों देशों के विकास पर होने वाली चर्चा में भी भाग लेंगे। ट्रुडो द्वारा सेना के साथ भेंटवार्ता सभा में लगभग 450 से अधिक कैनेडियन सैनिक उपस्थित थे, जिन्होंने अपने मन की शंकाओं के बारे में खुलकर प्रधानमंत्री से चर्चा की और आगामी योजनाओं को उनके साथ साझा किया। नाटो मिशन के अंतर्गत कैनेडियन सेना का एक प्रमुख ग्रुप लतविया में स्थापित हैं, जिसे 2014 में रुस ने संयोजन किया, उसके पश्चात पश्चिमी यूक्रेन के हस्तक्षेप के पश्चात कैनेडा द्वारा इस मिशन का नेतृत्व किया गया और जब से कैनेडा की सेना अल्बानिया, सीजेक रिपब्लिक, इटली, पोलैंड, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया और स्पेन आदि में स्थापित हो गई। नाटो के प्रति अपनी जिम्मेदारी को व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की हैं, उनके द्वारा नाटो के सभी नियमों का उचित प्रकार से पालन किया जा रहा हैं, परंतु पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कैनेडा पर नाटो नियमों का पालन उचित प्रकार से पूर्ण नहीं करने का आरोप लगाया गया, जोकि पूर्ण रुप से मिथ्या हैं, कैनेडा में लतवेयन राजदूत कारलीश इथेनबॉमस ने कहा कि कैनेडा पूर्ण रुप से अपने समीकरणों का पालन कर रहा हैं और लतविया में कैनेडियन सेना द्वारा सही मापदंड भी अपनाएं जा रहे हैं, जिसके लिए वह सरकार के आभारी भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि कैनेडा के सैनिक अन्य देशों की सेना की तुलना में अधिक सभ्य और स्थिर हैं, उन्होंने अन्य देश जैसे स्वीडन और फीनलैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि ये देश कैनेडा की भांति अपनी जिम्मेदारियां उचित प्रकार से नहीं निभा पा रहे, जिसका उन्हें दुख हैं। कैनेडा पर इस प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप लगाना इन देशों का गुस्सा प्रदर्शित कर रहा हैं, कैनेडा ने अपने रक्षा खर्चों में तुलनात्मक वृद्धि करके नाटो मिशन के अंतर्गत अफगानिस्तान और कोसोवो में भी अपनी सेनाओं को नियुक्त किया, जोकि मिसाले काबिलयत हैं, नाटो के महासचिव जैनस स्टोएटेनबर्ग ने कहा कि कैनेडा द्वारा दो सफल ऑपरेशनों को क्रियान्वित करना उनकी सफलता के सूचक हैं, जिसे नकारा नहीं जा सकता, भविष्य में भी इसी प्रकार की सफलता की आशा की जा रही हैं।
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