ब्रैम्पटन में उबर व अन्य राईडशेयरींग कंपनियों को वैधानिक किया गया

 लगभग दो वर्ष पूर्व सिटी काउन्सिल ने इन कंपनियों को सस्पेंड कर दिया था
ब्रैम्पटन। उबर व लाइफ्ट जैसी राईडशेयरींग कंपनियों को अधिकारिक तौर पर वैधानिक कर दिया गया हैं, इन कंपनियों को लगभग दो वर्ष पूर्व सिटी काउन्सिल ने सस्पेंड कर दिया था, जिसके पश्चात से ये कंपनियां अपने कुशल प्रचालन हेतु प्रयासरत थी, जिसमें अब जाकर उन्हें सफलता मिली। गत 27 जून को काउन्सिल की बैठक में यह फैसला लिया गया, जिसमें मोबाईल लाईसेंसींग कानूनों में संशोधन करके नए पर्सनल ट्रान्सपोर्टेशन कंपनी (पीटीसी) वाहन लाईसेंस श्रेणी के अंतर्गत इन कंपनियों को राईड शेयरींग की मंजूरी दी गई। इस नए संशोधन के अंतर्गत इन कंपनियों को लाईसेंसींग शुल्क के रुप में 20,000 डॉलर और प्रत्येक यात्रा का 30 प्रतिशत सिटी को देना होगा। जिसे परिपूर्ण करने पर सभी वाहनों को स्वतंत्र रुप से सिटी में चलाया जा सकेगा, इसके अलावा सभी ड्राईवरों की पूर्ण रुप से जांच होगी जिसमें उनके आपराधिक रिकॉर्डों की जांच परख के पश्चात ही उन्हें लाईसेंस प्रस्तावित किया जाएगा, किसी प्रकार की समस्या होने पर इस प्रकार के संशय पूर्ण ड्राईवर का लाईसेंस रद्द भी किया जा सकता हैं। मेयर लिंडा जैफरी ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रैम्पटन की जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं, जिसके कारण परिवहन के साधनों की आवश्यकता में भी वृद्धि आ रही हैं, लोगों को जल्द से जल्द सुगम और आधुनिक साधनों की आवश्यकता हैं और इसी मांग को पूरा करने के लिए सिटी द्वारा यह फैसला लिया गया, जिससे स्थानीय लोगों की परिवहन संबंधी समस्याओं का हल निकले और सिटी को भी आर्थिक सहायता मिल सके। वर्ष 2016 में टीएसी के भारी दबाव के कारण इस प्रकार की निजी राईडशेयरींग कंपनियों को सस्पेंड कर दिया गया था।टैक्सी एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष गुरप्रीत ढिल्लन के अनुसार टीएसी ने अपने नए संशोधनों की सूची काउन्सिल सभा में दी थी जिसे काउन्सिल सभा ने स्थगित कर दिया और अपने कानूनों को पारित कर दिया, जिसके लिए टीएसी को बहुत अधिक निराशा हुई हैं, टीएसी ड्राईवर और यात्रियों की सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता देती हैं, परंतु इस पर अधिक विचार नहीं किया गया जिसका हमें खेद हैं।
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