टोरीज ने माईकलों की रिहाई के लिए चीन द्वारा दिए जाने वाले ‘एक्यूज’ को खारिज किया

औटवा। कंसरवेटिवस विदेश कार्यक्रम के समीक्षक माईकल चैंग का मानना है कि पिछले दो वर्ष से कैनेडियनस माईकल कोवरिग और माईकल स्पावोर को अब और अधिक समय तक चीन कैद नहीं रख सकता, चैंग ने पत्रकारों को बताया कि इस बारे में जल्द ही बड़ी कार्यवाही करने पर विचार किया जा रहा हैं। कोविड-19 के कारण अब चीन और अधिक ”एक्यूज” नहीं दे सकता, इस बारे में अब कैनेडियनस सरकार के साथ मिलकर चीन दूतावास से बातचीत आरंभ हो गई हैं और जल्द ही इन दोनों माईकलों की रिहाई के लिए उचित कदम उठाएं जाएंगे। अपने साक्षात्कार में चैंग ने कहा कि चीन में अर्थव्यवस्था लगभग पूरी तरह से खुल चुकी हैं, उसके पश्चात इस प्रकार की कार्यवाही के नाम पर कोविड-19 का कारण बताना और कार्यवाही को टालना उचित नहीं, बताया जा रहा है कि इससे पूर्व ही इस मामले को लेकर बहुत अधिक विलंभ हो चुका हैं और अभी तक कोई उचित कार्यवाही नहीं हो पाई हैं। ज्ञात हो कि यह माना जा रहा था कि चीन द्वारा इन दोनों कैनेडियनस को उनकी कंपनी हुवई की सीईओ मैंग वेनज्वोउ की गिरफ्तारी के बाद गुस्से में कैद किया गया था, जिसके पश्चात केवल अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए चीनी सरकार ने अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं करते हुए इन कैनेडियनस की रिहाई पर कोई नया कदम नहीं उठाया हैं। ज्ञात हो कि लगभग दो वर्षों से इन युवकों को छुड़ाने के लिए कैनेडियन सरकार प्रयासरत हैं, परंतु चीन द्वारा असहयोग के कारण इस मामले में कोई भी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ प्रवक्ता जहाओ लिजीआन ने इस घोषणा पर कहा कि चीनी दूतावास की रजामंदी के पश्चात ही इस बारे मे उचित कार्यवाही के लिए कैनेडियन विदेश मंत्रालय ने गत शनिवार को याचिका दाखिल की थी, जिसे चीनी विदेश मंत्रालय ने ठुकरा दिया। सूत्रों के अनुसार इस बारे में शनिवार को ही प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी टेलीफोन पर गहन चर्चा की और माना कि चीनी कंपनी हुवई के सीईओ और कंपनी की संस्थापक की बेटी मेंग की गिरफ्तारी अमेरिका में की गई ठगी के आरोप में अमेरिकन सरकार के आग्रह पर की गई थी, इसके लिए कैनेडियनस पर अपना गुस्सा उतारने का अधिकार चीन का नहीं हैं। इसके लिए चीन को अवश्य ही मैत्रीय संबंधों का हवाला देते हुए कार्यों को आगे बढ़ाना होगा अन्यथा इस बारे में परिणाम और अधिक जटिल हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार इस महामारी काल के कारण दोनों बंदी कैनेडियनस कोवरिग जोकि एक पूर्व डिप्लोमेट हैं और स्पावोर जो एक उद्यमी हैं को कैनेडिनस दूतावास में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही हैं, जिससे पिछले कई महीनों से इन कैनेडियनस ने अपने परिवार के साथ किसी भी प्रकार की कोई वार्ता नहीं हुई हैं जिसके कारण कैनेडा में भी इनके परिजनों का चिंता के कारण बहुत बुरा हाल हैं।
चीन में कैनेडियन राजदूत डॉमिनीक बारटन ने बताया कि बहुत अधिक दबाव के पश्चात चीनी कारावास अधिकारियों ने उन्हें कैद में रह रहे कैनेडियनस से इंटरनेट के माध्यम से बातचीत करवाई, वार्ता में बारटन ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि कैनेडियन सरकार इस बारे में जल्द ही उचित कार्यवाही करेंगी और इसके परिणाम सामने आएंगे। ऐसा विचार किया जा रहा है कि जनवरी तक इन कैदियों की रिहाई हो सकती हैं। चैंग ने यह भी बताया कि लिबरल सरकार के साथ इस मामले में चीनी सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है कि जल्द ही कार्यवाही की जाएं जिससे इसके परिणाम सामने आ सके। इस बारे में रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन और संयुक्त राष्ट्र में रह रहे कैनेडियन राजदूत बॉब राय ने भी चीन पर दबाव बनाने की बात को स्वीकारा हैं और इस विषय पर आगे की बातचीत के लिए परस्पर चीनी विदेश अधिकारियों से जल्द ही कार्यवाही की मांग की हैं, उन्होंने अपने बयान में कहा कि जब चीन में सभी प्रकार की कार्यों की अनुमति खुल गई हैं तो कैदियों की रिहाई के लिए कार्य क्यों नहीं किया जा रहा? वहीं विदेश मंत्री कैम्पेज ने भी चीन को अपने बयान में यह स्पष्ट कहा है कि इन कैनेेडियनस की रिहाई को लेकर यदि चीन यह सोच रहा है कि वह कैनेडा का किसी भी प्रकार से अपमान कर सकता हैं, तो वह भारी भूल कर रहा हैं और उसे इस बारे में विचार अवश्य करना चाहिए।

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