अमेरिका चुनाव के परिणामों का बेसब्री और भय से इंतजार कर रहे हैं कैनेडियन्स

पड़ोसी देश में हुई राजनीति उथल-पुथल का प्रभाव कैनेडियनस पर भी बहुत गहरा हो सकता हैं - व्यापार हो या जन-जीवन अमेरिका में राष्ट्रपति परिवर्तन या ट्रंप का दोहरा कार्यकाल बदल सकता हैं आम कैनेडियनस का जीवन - चुनावी परिणामों से पूर्व ही राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा मुख्य प्रतिद्वंदी बाईडेन के समर्थकों के प्रति कार्यवाही इस बात की ओर स्पष्ट संकेत दे रहा है कि चुनावों में हिंसक झड़पे हो सकती हैं।

औटवा। पड़ोसी मुल्क में अफरा-तफरी का माहौल सभी कैनेडियनस की चिंता को और अधिक बढ़ा रहा हैं, सूत्रों के अनुसार इस बार के अमेरिकन चुनाव बहुत अधिक अराजकता फैलाने वाले प्रतीत हो रहे हैं, कैनेडियनस को यह भी प्रतीत हो रहा है कि यदि चुनावों के पश्चात अमेरिका में अराजकता फैलती हैं तो इसका दुष्प्रभाव कैनेडा में पड़ सकता हैं। विशेष तौर पर कैनेडा के व्यापार और सीमावर्ती ईलाकों के जन-जीवन पर भी। कैनेडियनस को यह भी चिंता है कि यदि व्यापार प्रभावित हुआ तो इस महामारी काल में कैनेडा की अर्थव्यवस्था भी बहुत अधिक प्रभावित होगी, जिसे संभाल पाना अत्यंत कठिन हो जाएगा।  सोमवार की सुबह ट्रंप समर्थकों से भरी कारों को बाइडेन-हैरिस की कैंपेन बस को सड़क से गिराने की कोशिश करते देखा गया था। इस मामले में एफबीआई जांच कर रही है, क्योंकि चुनाव के बाद की हिंसा होने का खतरा है। पहले से ही देश भर में चुनाव को लेकर 300 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर मुकदमे महामारी के कारण प्रक्रियाओं में किए गए बदलावों को लेकर है। पेंसिल्वेनिया चुनाव के बाद मुकदमेबाजी का केंद्र बन रहा है। यहां राज्य की अदालत ने आदेश दिया है कि मेल से मतपत्रों को प्राप्त करने और गिनने की समय सीमा शुक्रवार, 6 नवंबर है। इस पर अभी सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय नहीं दिया है। उधर खबरों के मुताबिक ट्रंप ने कहा कि यदि गिनती में वह आगे रहते हैं तो वह समय से पहले चुनाव की रात को ही जीत की घोषणा कर सकते हैं, भले ही महत्वपूर्ण राज्यों में गिनती पूरी न हुई हो। वहीं बाइडेन अभियान ने भी खुद की जीत की घोषणा करने से इनकार नहीं किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की पूर्व संध्या पर अशांति और हिंसा की आशंका के बीच न्यूयॉर्क शहर के कई इलाकों में लग्जरी स्टोर चलाने वालों और छोटे कारोबार करने वालों ने अपनी दुकानों को बचाने के लिये उनके आगे प्लाईवुड लगा दिया है। व्हाइट हाउस के लिये डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच हो रही यह दौड़ अब तक की सबसे कड़वाहट और आरोप-प्रत्यारोप भरी मानी जा रही है। चुनाव के दिन हिंसा, लूटपाट और झड़प की आशंकाओं के बीच मैनहट्टन के पॉश फिफ्थ एवेन्यू की दुकानों के साथ ही शहर के अन्य इलाकों में भी दुकानदार सुरक्षा उपाय करते नजर आए और कर्मचारियों को देर रात तक दुकानों को तोड़फोड़ से बचाने के लिये उनके बाहर प्लाईवुड लगाते हुए देखा गया। यह कुछ ऐसा ही था जो जॉर्ज फ्लॉएड की मौत के बाद गर्मियों में हुए प्रदर्शनों के दौरान देखा गया था। अमेरिका में वैसे तो हर चार साल बाद राष्ट्रपति पद के लिये चुनाव होते हैं लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनावों को ‘इलेक्शन ऑफ ऑलाइफटाइमÓ करार दिया जा रहा है और बेहद कड़वाहट भरे चुनाव प्रचार के दौर के बाद इसे लेकर पूरे अमेरिका में अभूतपूर्व डर और बेचैनी है। न्यूयॉर्क शहर के महापौर बिल डी ब्लासियो ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पुलिस आयुक्त डेरमोट शिया से बात की है और फिलहाल हिंसा को लेकर किसी तरह का कोई खतरा जाहिर नहीं किया गया है। डी ब्लासियो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘स्वाभाविक रूप से हर कोई चुनावी नतीजों और उसके बाद क्या होगा, इसे लेकर चिंतत है। इस मौके पर मैं, लेकिन जोर देना चाहूंगा कि हमें कोई खास चुनौती नहीं दिखाई दे रही है। हम सभी तरह की चुनौतियों के लिये तैयार हैं। पिछले कुछ हफ्तों से काफी तैयारियां हो रही हैं।Ó चुनाव के दिन और उसके बाद हिंसा की आशंका और दुकानों पर सुरक्षा के लिये बोर्ड लगाए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर दुकान मालिक को अपना फैसला खुद करना होता है और वह प्रत्येक दुकानदार के फैसले का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम स्टोर मालिकों को ऐसा करने के लिये परामर्श नहीं दे रहे हैं, लेकिन अगर वे ऐसा करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से इसे समझ सकते हैं। मैं चुनाव के दिन और उसके बाद की स्थिति पर बात करना चाहता हूं। हर कोई इसके बारे में गहनता से सोच रहा है। हर कोई चिंतित है।Ó
लेजर संस्था ने बताया कि 30 अक्टूबर से 1 नवम्बर के मध्य करवाएं गए कैनेडियनस की सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई हैं जिसमें अमेरिकन चुनाव कैनेडियनस के लिए भी बहुत अधिक चिंता का कारण बनता जा रहा हैं इस बात को स्पष्ट प्रमाणित कर रहा हैं, माना जा रहा है कि 6 नवम्बर को आने वाले परिणामों के आधार पर ही कैनेडा-अमेरिका के आगामी रिश्तों की आधारशिला टिकी हुई हैं।

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