भारतीय प्रतिभा के कैनेडा पलायन से अमेरिकी चिंतित

- 25 फीसद भारतीय छात्रों की घट गई है संख्या - विशेषज्ञों ने एच 1बी वीजा की गलत नीतियों को ठहराया जिम्मेदार ।  बताया 25 फीसद भारतीय छात्रों की घट गई है संख्या। अमेरिका की बाइडन सरकार को विशेषज्ञों ने आगाह किया है। भारतीय छात्र अब अमेरिका के बजाय कैनेडा जा रहे हैं।

वाशिंगटन ।  भारतीय प्रतिभाओं के दम पर पूरे विश्व में डंका बजा रहे अमेरिका की सरकार को विशेषज्ञों ने आगाह किया है। विशेषज्ञों ने कहा है कि अमेरिका की गलत वीजा नीति के कारण भारतीय प्रतिभा अब अमेरिका के बजाय कैनेडा जा रही है। यह ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका चीन की बढ़ती लगातार ताकत से लड़ने के लिए प्रतिस्पर्द्धा को तेज करने का प्रयास कर रहा है। विशेषज्ञों ने अमेरिकी संसद को वीजा नीति में परिवर्तन के लिए तेजी से कार्य करने को कहा है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से एच 1 बी वीजा और देशों के कोटा निर्धारण को लेकर तत्काल नियमों में परिवर्तन करना चाहिए। यदि वीजा नियमों में ग्रीन कार्ड और स्थायी निवास की सहूलियतों को आसान नहीं किया गया तो बेहतरीन भारतीय प्रतिभा से अमेरिका को वंचित होना पड़ेगा।
नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पालिसी के स्टुअर्ट एंडरसन ने चेतावनी दी है कि भारतीयों के लिए रोजगार आधारित श्रेणियों में वीजा का बैकलाग 9 लाख से ज्यादा है। 2030 तक यह संख्या 21 लाख से ज्यादा हो जाएगी। एंडरसन ने सीनेट की आव्रजन संबंधी समिति के सामने ये आंकड़े पेश करते हुए कहा कि यदि अमेरिका ने अपनी पुरानी नीतियों को नहीं बदला तो भारतीय प्रतिभा का कनाडा के लिए पलायन और तेज हो जाएगा। अमेरिका के विश्वविद्यालय में 2016-17 से 2018-19 के बीच के शिक्षा सत्र में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में 25 फीसद भारतीय छात्रों में कमी आई है।
बाइडन ने दो प्रमुख भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों को दी अहम जिम्मेदारी :
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक प्रख्यात भारतीय अमेरिकी चिकित्सक और एक सर्जन को अपने प्रशासन ने अहम भूमिकाओं के लिए नियुक्त किया है। वेस्ट वर्जीनिया के पूर्व स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. राहुल गुप्ता को मंगलवार को ‘नेशनल ड्रग कंट्रोल पॉलिसीÓ के कार्यालय के अगले निदेशक के पद पर नियुक्त किया है। वहीं सर्जन और प्रसिद्ध लेखक अतुल गवांडे को अमेरिकी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के ब्यूरो आफ हेल्थ के एसिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटर के पद पर नियुक्त किया है।

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