मेंग के केस में प्रर्त्यपण की प्रार्थना को नकारना अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना था : डिफेंस लॉयर

वैनकुअर। हुवई अधिकारी मेंग वेनजोउ के बचाव पक्ष के वकील ने आज खुलकर मीडिया के सामने अपनी प्रतिक्रिया रखते हुए माना कि मेंग के केस में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का जमकर उल्लंघन किया गया, जिसके लिए कैनेडा-अमेरिका को जवाब देना होगा। उन्होंने इस केस को ”अनोखाÓÓ कहते हुए बताया कि मेंग के प्रर्त्यपण में हुई देरी के कारणों का भी कोई जवाब नहीं हैं। इस बारे में गिब वेन ईरट ने आगे कहा कि कैनेडा के न्यायालयों ने भी प्रार्थनाओं पर अधिक लंबे समय तक विचार के नाम पर नीतियों की अवहेलना की हैं। ईरट ने यह भी कहा कि कैनेडा को इस केस में कोई हस्तक्षेप करने का अधिकार ही नहीं था क्योंकि यह ठगी का मामला चीन और अमेरिका के मध्य हुए व्यापारिक मसौदे के कारण उत्पन्न हुआ। ज्ञात हो कि मेंग के ऊपर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने वर्ष 2013 में हुए एक व्यापारिक डील में अमेरिकन कंपनी के साथ ठगी की हैं, जबकि मेंग द्वारा किए भुगतान को स्वयं अमेरिकन चीनी बैंक ने भी क्लियर कर दिया था और सबसे बड़ी बात यह थी कि इस मामले के लिए सभी कार्य होंगकोंग में किए गए और इसकी कार्यवाही के लिए कैनेडा को चुना गया जिसमें भी कोई विवाद नहीं उठाया गया, इन सभी मामलों की विस्तृत जांच होनी चाहिए। मिंग जमानत पर वैनकुअर में रह रही हैं और वह हुवेई के संस्थापक की बेटी हैं। चीन मिंग को लगातार बिना शर्त रिहा करने की मांग करता रहा है। अखबार ने गत गुरुवार को प्रकाशित खबर में कोवरिंग एवं स्पावर के मामलों की सुनवाई के समय एवं स्थान की जानकारी नहीं दी थी। परंतु इस प्रकार अचानक सुनवाई को आरंभ करने भी संदेश स्पष्ट कर रहा हैं। वहीं दूसरी ओर कैनेडाई दूतावास के उप प्रमुख जिम निकल ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें ट्रायल शुरू होने की जानकारी मिली है, लेकिन कोर्ट में जाने की अनुमति नहीं दी गई। यह अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन है। उन्होंने बताया,”माइकल कोवरिग को गिरफ्तार हुए दो साल से ज्यादा समय हो गया है। अब उनके खिलाफ मनमाने ढंग से सुनवाई शुरू की गई है। हम देख रहे हैं कि अदालती प्रक्रियाएं पारदर्शी नहीं हैं।ÓÓ चीनी सरकार ने गिरफ्तार दोनों कैनेडाई नागरिकों के खिलाफ आरोपों के बारे में तकरीबन कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई है। हालांकि सरकारी अखबार ने गोपनीय जानकारियां चुराने और इन्हें विदेश भेजने के आरोप लगाए हैं। ताइवान के बाद चीन का फिलीपींस को लेकर एक नया मामला सामने आया है। फिलीपींस के जलक्षेत्र में चीन के 220 सैन्य जहाजों के घुसने का मामला प्रकाश में आया है। इन जहाजों को सात मार्च को दक्षिण चीन सागर स्थित विवादित चट्टान के पास देखा गया।

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