टोरीज चाहते हैं वी डील में प्रधानमंत्री की जांच

जबकि लिबरलस का कहना है कि संसदीय नेता प्रधानमंत्री के स्थान पर करें पैरवी

औटवा। एक बार फिर से विपक्ष का वी डील को लेकर सत्ता पक्ष को घेरने की योजना बनाई जा रही हैं, हाऊस ऑफ कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए टोरीज का कहना है कि प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो और उनके स्टाफ सदस्यों की इस मामले में स्वतंत्र जांच हो, जिसके परिणाम सार्वजनिक किए जाएं। इस बारे में एक लिखित पत्र रविवार को हाऊस ऑफ कोमनस की नीतिशास्त्र कमेटी के अध्यक्ष को भेजा गया, सिमें सरकारी हाऊस लीडर पैबलो रोडश्रीगुएज ने बताया कि पूर्व की हुई जांच में ट्रुडो के वरिष्ठ सलाहकार ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई थी। उन्होंने इस पत्र में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के सदस्यों की नियुक्ति जनता द्वारा नहीं होती जैसे सांसदों की होती हैं, इन सदस्यों की नियुक्ति सत्तापक्ष की सहमति से ही की जाती हैं जिस कारण से इन सदस्यों को प्रधानमंत्री व कैबीनेट के दबाव में कार्य करना पड़ता हैं। पैबलो ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ  स्टाफ सदस्य रिक थेएस भी इस मामले में कभी भी कमेटी के सामने प्रस्तुत नहीं हुए। विपक्ष ने अपनी नई जांच की मांग में यह स्पष्ट कहा है कि इन सदस्यों से नई पूछताछ की जाएं, जिससे वास्तविक प्रमाण मिले और इस विवाद को सुलझाने में और अधिक मदद मिल सके।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों विपक्ष ने इस बात को लेकर भी बहुत विवाद किया था कि रक्षामंत्री हरजीत सज्जन ने पूर्व सैन्य अधिकारी पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बावजूद कोई कार्यवाहीं नहीं की, जबकि सरकार ने अपने दावे में पेश किया था कि इस मामले की जांच पिछले कुछ वर्षों से गुप्त रुप से चल रही थी। पैबलो का यह भी दावा है कि विपक्ष द्वारा संसद में रखे इस प्रस्ताव को लिबरलस सदैव ही टाल रही हैं जिससे जांच में भारी व्यवधान उत्पन्न हो रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि इस प्रकार से एक ही डील की बार-बार जांच करवाकर विपक्ष करदाताओं का धन खराब करवा रहा हैं। जबकि नई जांच के लिए उठाएं सवालों में विपक्ष का कहना है कि इस बार नई जांच में पूछताछ चार घंटे से अधिक लंबी नहीं होगी जिससे मामला फास्ट ट्रैक में सुलझाया जाएंगा और इसके नतीजे जल्द ही सार्वजनिक हो सकेंगे। ज्ञात हो कि वी चैरिटी के सह-संस्थापकों का कहना है कि इस पूरे विवाद में प्रधानमंत्री और उनके परिवार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहा हैं, परंतु विपक्ष का दावां है कि इसमें भी कोई बड़ा घोटाला व्याप्त हैं जिसे छुपाने के लिए लिबरलस पुरजोर प्रयास कर रहे हैं।

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