गर्वनर जनरल को पीएम ट्रुडो के ‘आक्समिक चुनाव’ की प्रार्थना मान लेनी चाहिए : विशेषज्ञ

औटवा। संवैधानिक कानून विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो द्वारा नवनिर्वाचित गर्वनर जनरल मैरी सीमॉन से की गई प्रार्थना को स्वीकार कर लेना चाहिए, ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने गर्वनर से आक्समिक चुनाव करवाने और वर्तमान संसद को भंग करने की अपील करते हुए एक लिखित पत्र लिखा है।
वहीं इस पत्र के जवाब में एनडीपी प्रमुख जगमीत सिंह ने नवनिर्वाचित गर्वनर जनरल मैरी सीमॉन से अपील की हैं कि वे प्रधानमंत्री की प्रार्थना को अस्वीकार कर दें और फिलहाल आम चुनाव को करवाने के लिए कोई भी सहमति नहीं जारी करें, ज्ञात हो कि देश में प्रत्येक चार वर्ष के पश्चात अक्टूबर के तीसरे सोमवार को आम चुनावों का आयोजन होता हैं जिसमें देश की केंद्र सरकार की नियुक्ति हेतु फैसला जनता द्वारा लिया जाता हैं, परंतु इस वर्ष प्रारंभ से ही अल्पमत में रही लिबरल सरकार को भंग करने के लिए चहुओर से दबाव बनाया गया। जगमीत सिंह ने यह भी कहा कि गर्वनर को प्रधानमंत्री की बात तभी माननी चाहिए जब वे अपना कोई भी बिल संसद में पारित नहीं करवा पाते और बार-बार अपना विश्वास मत खो देते, जबकि पिछले दो वर्षों में अल्पमत लिबरल सरकार ने अपना विश्वास मत पारित किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार व गठबंधन पार्टियां मिलकर अगले दो वर्षों में भी सत्ता को सुचारु रुप से चला सकती हैं। इस स्थिति में देश के ऊपर एक ओर आम चुनाव का बोझ डालना अनुचित होगा।
एनडीपी का यह भी कहना है कि इस समय कैनेडियनस देश के सत्ताधारियों से ऐसे कार्य की उम्मीद कर रहे है कि जिससे देश की बिगड़ती आर्थिक स्थितियां मजबूत बने न कि पार्टियां आपस में ही राजनीति करती रहें और देश की स्थितियां और अधिक कमजोर हो। ज्ञात हो कि ग्रीष्म कालीन संसद सत्र के समापन पर ट्रुडो ने इस बात की ओर संकेत किए थे कि वे नए गर्वनर के चयन के पश्चात संसद भंग करने के लिए प्रार्थना कर सकते हैं, परंतु इस बारे में अभी तक उन्होंने कोई भी अधिकारिक जवाब नहीं दिया हैं, इसलिए स्थितियों पर दुविधा बनी हुई हैं और सभी राजनैतिक पार्टियां गहरे मंथन में हैं।

You might also like

Comments are closed.