कैनेडा में रह रहे अफगानियों में बढ़ रही अपने परिजनों के प्रति चिंता

देश में रह रहे कई प्रवासी अफगानी अपने स्वजनों को कैनेडा में बुलवाना चाहते हैं

औटवा — तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर किए जा रहे हमलों में बढ़ोत्तरी दुनिया के अन्य देशों मे रह रहे अफगानियों के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं, इसी प्रकार से कैनेडा में रह रहे अफगानी अनुवादक का कहना है कि उन्हें अब सारा दिन अपने अभिभावकों और भाई-बहनों की चिंता बनी रहती हैं कि कहीं उन्हें कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा। वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि तालिबान के आतंकी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर देश में तबाही मचा रहे हैं। पड़ोसी मुल्कों के राजनयिकों के साथ मुलाकात में अफगान विदेश मंत्री हनीफ अतमर ने कहा कि तालिबानी हिंसा में अभी तक तीन हजार लोग मारे गए हैं और तीन लाख लोग विस्थापित हुए हैं। अफगान विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्री ने बताया कि तालिबान के आतंकी पाकिस्तानी आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अलकायदा, ईस्ट तुर्केस्तान, इस्लामिक मूवमेंट, अंसरारुल्लाह आदि के 10 हजार आतंकियों के साथ तबाही मचा रहे हैं।

अतमर ने कहा कि पाकिस्तान से सटे स्पिन बोल्डक में 100 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी गई और लड़कियों को जबरन शादी के लिए मजबूर किया गया। इसके अलावा तालिबान के नियंत्रण वाले इलाके में 300 इंफ्रास्ट्रक्चर को तबाह कर दिया गया। वर्तमान में, अफगानिस्तान में एक करोड़ 80 लाख लोग इस स्थिति का सामना कर रहे हैं। अतमर ने कहा कि प्रेस विज्ञप्तियां पर्याप्त नहीं हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगामी दोहा बैठकों में तालिबान को गंभीर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। अतमर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग के चार क्षेत्रों पर विस्तार से बताया, जिसमें महानगरीय क्षेत्रों पर तालिबान के हमलों को रोकना, मानवाधिकारों के हनन को रोकना, अफगान शांति प्रक्रिया में तेजी लाना और अंत में छह महीने के सुरक्षा कार्यक्रम को लागू करना शामिल है।

बैठक के दौरान, क्षेत्रीय देशों और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों ने हिंसात्मक घटनाओं की तत्काल समाप्ति और शांति प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए अपना समर्थन जताया। अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि डेबोरा लियोन ने कहा कि हेरात और यूएनएएमए कार्यालय पर हमले से पता चलता है कि कार्रवाई प्रतिबद्धताओं को नहीं दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह केवल अफगान का संघर्ष नहीं, बल्कि एक ऐसा संघर्ष है जिस पर सभी को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। इन्हीं कारणों से कैनेडा में रह रहे अफगानी अनुवादक ने कैनेडियन सरकार से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द कैनेडा में अफगानियों को शरण देने की घोषणा को कार्यन्वित करें जिससे हजारों निर्दोषों की जान बच सके।

You might also like

Comments are closed.