कैनेडियन खिलाड़ियों ने दिखाया टोक्यो ओलम्पिक में अपना जलवा

- अधिकतर खिलाड़ी रहे कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित, कुल 24 पदकों के साथ लौटें कैनेडियन खिलाड़ी

टोक्यो। स्पोर्टिंग व्हाईट पेन्टस, ब्लू जीन्स जैकेट और ब्लैक बॉलकेप, डेकेथलॉन चैम्पीयन वारनर ओलम्पिक स्टेडियम में कैनेडा की अगुवाई करते हुए एक अलग ही छंटा बिखेर रहे थे। उनके हाथों में कैनेडियन ध्वज लहरा रहा था जो सभी कैनेडियन को गौरवान्वित कर रहा था। सभी खिलाड़ी स्वस्थ्य व अपने अपने क्षेत्रों में कैनेडा को सम्मान दिलाने के पश्चात वापस स्वदेश लौट आएं। केलसे मितचेल जिन्होंने साईकिलींग में कैनेडा को गोल्ड दिलवाया सभी के आकर्षण का कारण रहीं। ज्ञात हो कि इस बार ओलम्पिक में कैनेडा ने 24 पदक जीतकर खेलों में कैनेडा की ख्याति में और अधिक नाम जोड़े, पदकों का विवरण देते हुए जानकारों के अनुसार कैनेडा ने सात गोल्ड, छ: सिल्वर और 11 कांस्य जीतकर ओलम्पिक में किया कैनेडा से वादा निभाया कुल 24 पदकों के साथ देश के खिलाड़ियों ने यह प्रकट कर दिया कि कोई भी महामारी हौसलों को नहीं घटा सकती, परंतु इस बार भी कैनेडा वर्ष 1984 में हुए लॉस एजेल्स  के ओलम्पिक जितना श्रेय नहीं कमा सकी जब देश के खिलाड़ियों ने कुल 44 पदक जीतकर पूरे विश्व में अपने स्पोर्ट प्रतिभा की छाप छोड़ी थी, उस वर्ष कैनेडा में 10 गोल्ड जीतकर एक अलग ही स्थान बनाया था, इससे पूर्व 1992 में बारसेलॉना ओलम्पिक में भी कैनेडा ने 7 गोल्ड मेडल जीतकर एक नया इतिहास रचा था। अंतिम दिन अमेरिका ने तीन गोल्ड मेडल जीतकर चीन को पछाड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त कर लिया, ज्ञात हो कि इस बार चीन और अमेरिका में पदकों के लिए रहा कड़ा मुकाबला जहां अमेरिकन खिलाड़ियों को मिले 39 पदक वहीं चीन 38 पदकों के साथ केवल एक कदम ही पीछे रहा।

यही वजह है कि खिलाड़ी अभी से पेरिस ओलंपिक के सपने देखने लग गये हैं। यदि तब तक कोरोना वायरस पर काबू पा लिया जाता है तो पेरिस ओलंपिक खिलाड़ियों के लिये किसी पार्टी से कम नहीं होंगे। खिलाड़ी वहां तोक्यो की सारी निराशा को भुलाकर ओलंपिक के वास्तविक माहौल का आनंद लेना चाहेंगे।

पेरिस ओलंपिक के आयोजकों को भी उम्मीद है कि ओलंपिक 2024 तक महामारी खत्म हो जाएगी। पेरिस शहर की मेयर एनी हिंडाल्गो ने कहा, ”उम्मीद है कि हम पार्टी करने में सक्षम रहेंगे।” लेकिन यदि कोरोना वायरस तब भी पार्टी की योजनाओं पर भारी पड़ता है तो फिर तोक्यो ने दिखा दिया कि महामारी के बावजूद ओलंपिक खेलों का आयोजन कैसे किया जाता है। तोक्यो में ओलंपिक खेल केवल प्रतिस्पर्धा तक सीमित रहे। वहां न दर्शक थे और न शहरों में पार्टियां हुई। ओलंपियन एक दूसरे से मिल तक नहीं पाये। पेरिस ओलंपिक के आयोजकों ने करीब से इसे देखा। वे कह रहे थे कि भले ही वे परिस्थितियां बदलने की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन उन्हें बुरी परिस्थितियों के लिये भी योजना बनानी होंगी। अधिकतर खिलाड़ियों के लिये सबसे मुश्किल यह रहा कि वे अपने प्रियजनों को साथ लेकर जापान नहीं आ पाये। उनके प्रियजनों के पास उन्हें टीवी पर देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

अमेरिका की सर्फर कारिसा मूरे ने कहा कि पति से अलग रहना और उनके समर्थन के बिना खेलना बहुत बड़ी चुनौती थी। मूरे आखिर में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही लेकिन पति से विछोह उनके लिये पीड़ादायक था। इससे हालांकि उन्हें नया अनुभव और सीख भी मिली। मूरे ने कहा, ”मुझे यहां होने और बिना किसी समर्थन के अच्छा प्रदर्शन करने पर स्वयं पर गर्व है।” तोक्यो में खिलाड़ियों की आम शिकायत थी कि वे खेल गांव में रहकर अपना समय व्यतीत नहीं कर पा रहे हैं। फिनलैंड के पहलवान इलियास कौसमैनन ने कहा, ”अपने साथी पहलवानों से प्रतिस्पर्धा से इतर मिलना और उनसे मित्रता करना, एक ओलंपियन के तौर पर मैं इसका अनुभव लेना पसंद करूंगा।”

रियो ओलंपिक 2016 के दौरान कैनेडा के वॉलीबाल खिलाड़ी निकोलस हॉग खाली समय में जिम्नास्टिक या ट्रैक एवं फील्ड की स्पर्धाओं को देखने के लिये चले जाते थे या फिर अपने साथियों के साथ पार्टी करते थे लेकिन तोक्यो में उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहा, ”जब मैं खाली होता था तो मैं टीवी के आगे बैठ जाता और मैं लगभग सभी खेल देख रहा था।” उम्मीद है कि तीन साल में परिस्थितियां बदलेंगी और पेरिस में ओलंपिक खेलों का आयोजन अपने पुराने जोशो खरोश और विविध रंगों के साथ होगा।

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