क्यूबेक में शिक्षा पाठ्यक्रमों में किया जाएंगा बदलाव : शिक्षा मंत्री

– शिक्षामंत्री जीन फ्रान्सकोईस रोबरज ने कहा कि धार्मिक सांस्कृतिक शिक्षा के स्थान पर पत्रकारिता ज्ञान, यौन शिक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि को किया जाएगा नए पाठ्यक्रमों में शामिल

क्यूबेक। क्यूबेक शिक्षामंत्री जीन फ्रान्सकोईस रोबरज ने अपने ताजा बयान में कहा कि क्यूबेक में वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता हैं, इस समय बच्चों को आधुनिक शिक्षा पाठ्यक्रमों से जोड़ना अनिवार्य हो गया हैं। क्यूबेक के नागरिकों और सही सांस्कृतिक ज्ञान के लिए यह बदलाव करना इस समय की मांग हैं।

मंत्री ने अपने  संबोधन में आगे कहा कि अपने बच्चों को ही उचित शिक्षा से क्षेत्र में बदलाव संभव हो सकेगा। समय के साथ परिवर्तन अत्यंत आवश्यक हैं जिसके लिए कार्य होना चाहिए। आधुनिक युग में हमें पाठ्यक्रमों को समझना होगा और बच्चों को भी इससे जोड़ना होगा जिससे वह भविष्य के लिए तैयार हो सके और समाज की पुरानी कुरीतियों में न फंसे। नए समाज के निर्माण हेतु नए शिक्षा सत्र की जरुरत हैं, तभी बदलाव संभव हो सकेगा। हमें नए क्यूबेक समाज की स्थापना करनी होगी। बच्चों को अपनी संस्कृति से भी लगाव बनाएं रखना होगा, परंतु इसके लिए उन्हें रुढ़िवादी नीतियों से दूर करना होगा और पुराने विचारों में छुपी अच्छी बातां से जोड़ना होगा। समाज के उत्थान हेतु इस प्रकार के नए बदलाव ही लाभकारी परिणाम सामने ला सकते हैं।

उन्होंने यह भी माना कि पाठ्यक्रमों से उन सभी घटनाओं को हटाना होगा जिसमें भेदभाव को प्रोत्साहित करने की व्याख्या की गई हैं, जिससे बच्चों के कोमल मन पर ये विचार कोई भी छाप छोड़ सके। क्यूबेक के शिक्षामंत्री द्वारा इस प्रकार के बयान के स्वागत करते हुए आदिवासी कार्यक्रम मंत्री लेन लेफरेनयरी ने कहा कि सरकार का यह कदम बहुत अच्छा हैं और इससे नए समाज का निर्माण आधुनिक सोच के साथ होगा, आज के समय में एक बच्चा जितना ज्ञान स्कूलों से प्राप्त करता हैं उतना कहीं और से नहीं प्राप्त करता, इसके लिए स्कूलों के पाठ्यक्रमों में बदलाव ही इसका एकमात्र उपाय हैं जिससे समाज में सुधारात्मक कार्य किए जा सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को पुरानी और आधुनिक सोच के बीच एक समन्वय बनाना होगा जिसके पश्चात ही हम नए लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं, किसी भी विवादित बयान को स्कूलों में पढ़ाने के स्थान पर उसकी वास्तविकता बताई जाएं और बच्चों को इस बारे में उचित मार्ग दर्शन किया जाएं जिससे उनके कोमल मन पर कोई भी बुरा प्रभाव न पड़े।

You might also like

Comments are closed.