रेनसमवेयर साईबर हमले से स्वयं को बचाने का प्रयास करें कैनेडियन्स : केंद्रीय मंत्रिमंडल

– केंद्र सरकार के कई मंत्रियों का मानना है कि इस समय देश के कई संगठन व मंत्रालय रेनसमवेयर साईबर हमले के कारण परेशानी झेल रहे हैं।

औटवा। सोमवार को मंत्रिमंडल की एक निजी बैठक के दौरान यह माना गया कि इस समय देश के अधिकतर संगठन रेनसमवेयर साईबल हमले की चपेट से जूझ रहे हैं। केंद्रीय मंत्रियों ने आम कैनेडियनस से अपील करते हुए कहा कि अपने निजी इंटरनेट के माध्यमों की सदैव जांच करते रहे और इस प्रकार के किसी भी ऑनलाईन हमले के प्रति सतर्क रहें, जिससे आप किसी भी बड़े संकट में नहीं फंस सकते हैं।

निजी कंपनियों को इस बारे में एडवाइजरी जारी करते हुए मंत्रियों ने कहा कि अपनी कंपनी की वैबसाईट की सुरक्षा को सुनिश्चित करते रहें, क्योंकि दुनिया के साईबर सुरक्षा एजेंसियों का भी मानना है कि रेनसमवेयर हमले में कैनेडा सर्वोपरि देशों में से एक हैं। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में आपतिक कार्य मंत्री बिल ब्लेयर, लोक सुरक्षा मंत्री मारको मैन्डीसीनो, रक्षामंत्री अनीता आनंद और लघु व्यवसाय व आर्थिक विकास मंत्री मैरी एनजी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और देश में साईबर हमलों की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण के लिए उचित विचार-विमर्श किया। जानकारों के अनुसार वर्ष 2019 से 2020 तक इन हमलों में कमी के स्थान पर और अधिक बढ़ोत्तरी हुई हैं जोकि चिंता का विषय हैं।

करीब एक साल तक साइबर हमलों से भयभीत रहने के बाद सरकारों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने रेनमवेयर अपराधियों से निपटने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। जून 2021 में कॉर्नवाल में जब जी-7 की बैठक हो रही थी उस समय यूक्रेन और दक्षिण कोरिया की पुलिस कुख्यात सीएलओपी रैनसमवेयर गिरोह को पकड़ने के लिए समन्वय कर रही थी। उसी सप्ताह रूसी नागरिक ओलेग कोश्किन को अमेरिकी अदालत ने मालवेयर कूटबंध सेवा चलाने का दोषी ठहराया जिसका इस्तेमाल अपराधी समूह एंटीवायरस सॉप्फ्टवेयर से बचते हुए साइबर हमले के लिए कर रहे थे।

पुलिस और एजेंसियों को बनना होगा अपराधियों से तेज :
हालांकि, ये घटनाक्रम अवश्यसंभावी हैं, रैनसमवेयर हमले जटिल अपराध है जिसमें अपराधियों का अलग-अलग नेटवर्क काम करता है। चूंकि अपराधी अपराध के तरीके बदल रहे हैं, कानून प्रवर्तकों और साइबर सुरक्ष विशेषज्ञों को भी इनसे निपटने की कोशिश तेज करनी होगी। पर, पुलिस विभाग में अपेक्षकृत जड़ता और मुख्य अपराधी की गिरफ्तारी की अनुपस्थिति के कारण इन साइबर अपराधियों से उन्हें एक कदम पीछे रखेगी, भले अमेरिका और रूस के बीच प्रत्यर्पण संधि हो जाए। यह संभव है कि उचित कुशल अपराधी सभी काम कर लें लेकिन यह बहुत कम होता है। पकड़े जाने के खतरे को कम करने के लिए अपराध समूह की परिपाटी होती है और हमले के अलग-अलग स्तर के लिए विशेषज्ञ तैयार किए जाते हैं। इन समूहों को अंतर निर्भरता से लाभ होता है क्योंकि प्रत्येक चरण में अपराध की जवाबदेही बदल जाती है। साइबर अपराध की भूमिगत दुनिया में विशेषज्ञता की भरमार है। इनमें स्पैमर हैं जिनकी सेवा लोगों की जानकारी चोरी करने के लिए जासूसी करने, साजिश रचने और फर्जीवाड़ा करने वालों के तौर पर की जाती है और डाटा का दलाल (ब्रोकर) चोरी के इन डाटा को डार्क वेब पर बेचता है।

इन आंकड़ों की खरीद ‘शुरुआत पहुंच बनाने वाले दलालÓद्वारा ही की जा सकती है जो कंप्यूटर प्रणाली में शुरुआती सेंध लगाने में माहिर होते हैं। यह बिक्री रैनसमवेयर हमलावरों को डाटा बेचने से पहले होती है। ये हमलावर अकसर अपराध के लिए सुविधा देने वाले ब्रोकर के तौर पर काम करते हैं और इनकी सेवा रैनसमवेयर सॉफ्टवेयर की सेवा के साथ अन्य संदिग्ध मालवेयर के लिए भी ली जाती है।

चुराए डेटा की होती है ऑनलाइन बिक्री :
ये समन्यवित समूह, डार्कमार्केट के विक्रेता ऑनलाइन बाजार मुहैया कराते हैं जहां पर अपराधी खुले तौर पर चोरी के डाटा बेच सकते हैं और कारोबार सेवा शुरू कर सकते हैं, सामान्यत: यह डार्कवेब पर टोर नेटवर्क के जरिये होता है। यहां पर मुद्रा का कारोबार करने वाले भी होते हैं जो क्रिप्टोरकेंसी को पांरपरिक मुद्रा में तब्दील करते हैं, वहीं पीड़ित और अपराधी का प्रतिनिधित्व करने वाले मध्यस्थ फिरौती की रकम पर समझौता कराते हैं। यह पारितंत्र लगातार बढ़ रहा हैं। उदाहरण के लिए, हालिया गतिविधि में ”रेनसमवेयर सलाहकार” आया है जो हमले के अहम चरण में अपराधी को सलाह देने के लिए शुल्क लेता है।
इस साईबर हमले से होने वाले संभावित नुकसान :
– यदि रेनसमवेयर प्रचालक द्वारा मांगी गई रकम नहीं देने पर वह आपका डाटा सार्वजनिक कर सकता हैं।
– रेनसमवेयर में बिजनेस मॉडल के आधार पर बिक्री या लीज आदि सेवाओं पर भी साईबर हमले का खतरा बना रहता हैं।
– अन्य प्रकार के साईबर हमलों की भी आशंका बनी रहती हैं।

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