प्रदर्शन काल में पत्रकारों को धमकाने से देश में पत्रकारिता खतरे में

Journalism in the country is in danger due to threatening journalists during the protest period

टोरंटो। औटवा में पिछले तीन सप्ताह तक चले हाई वोल्टाज ड्रामे के पश्चात अंतत: ट्रक चालकों के प्रदर्शन को समाप्त करने की घोषणा कर दी गई। इस पूरे समय में पत्रकारों के साथ किए गए अशोभनीय कार्यों पर भी सभी ने निंदा की। कुछ घटनाओं में से विशेष रुप से सुरी, बी.सी. में जोकि अमेरिकन बॉर्डर के निकट हैं दो प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्रकारों पर थूका जाना, वहीं एक अन्य क्षेत्र में पत्रकारों के साथ मारपीट आदि की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह आंदोलन केवल प्रधानमंत्री के अनिवार्य वैक्सीनेशन को हटाने की मांग मात्र नहीं था, अपितु इस प्रदर्शन के पीछे कुछ बहुत बड़ा कार्य अंजाम देने की कार्यवाही भी की जा रही थी। एक कैनेडियन कभी भी इस प्रकार की अमानवीय हरकत नहीं कर सकता, जिसके कारण इस मामले की जांच अवश्य हो। जिससे वास्तविक आरोपी को भी पकड़ा जा सके और उसे उचित दंड देकर उन सभी को एक उदाहरण दिया जा सके कि देश में सभी स्थितियां सामान्य हो गई हैं और जल्द ही जन-जीवन सुचारु हो जाएंगा।

वहीं पत्रकार संघ ने भी इन घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि जिस देश में पत्रिकारिता बंदिशों में हो वहां कभी भी विकास नहीं हो सकता। पत्रकारिता एक मुक्त दिमाग से होनी चाहिए जिसमें किसी का भी कोई भय न हो, केवल जनता को वास्तविक जानकारियों से अवगत करवाना एकमात्र उद्देश्य हैं। प्रैस की स्वतंत्रता के लिए केवल एक जैली ही एकमात्र व्यक्ति नहीं अपितु पूरे देश में प्रैस की स्वतंत्रता और सुरक्षा पर सवालियां निशान उठाएं जा रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष कई यूरोपीयन और अमेरिकी देशों में ऐसी कई घटनाएं सुनने को मिली कि पत्रकारों को दबाया गया, जिसके लिए अब आवाज उठाई जा रही हैं वहीं कैनेडा में अश्वेतो, आदिवासियों या रंग भेद की नीति से प्रभावित लोगों के साथ पत्रकारिता की आड़ में भेदभाव करना अनुचित बताया गया। लेकिन अब जानकारों ने माना कि देश में नई क्रांति आई हैं और भेदभाव समाप्त कर नई लहर में पत्रकारिता को भी सम्मान दिया जाने लगा हैं।

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