नस्ल-विरोधी टिप्पणियों को बढ़ावा देने वाले संगठनों की फंडींग पर ‘कम्पलीट रिव्यू’ का वादा किया ट्रुडो ने

Trudeau promises 'complete review' on funding of organizations promoting anti-racist comments

टोरंटो। पिछले दिनों श्वेत यहूदियों को सर्वोच्च बताने वाली एक टिप्पणी पर भारी विवाद उठने के बाद प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो (Prime Minister Justin Trudeau) ने स्वयं इस विषय पर अपने ट्विटर संदेश में वादा किया कि इस प्रकार से जो संगठन नस्ल-विरोधी कार्यों को प्रोत्साहन देंगे उनकी फंडींग पर अवश्य कार्यवाही होगी और केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी वित्तीय सहायता फौरन रोक दी जाएंगी। इस संबंध में बयान जारी करते हुए उन्होंने आगे कहा कि कम्युनिटी मीडिया एडवोकेसी सेंटर को मिलने वाली सभी फंडींग पर फिलहाल रोक लगा दी गई हैं।

ज्ञात हो कि पिछले दिनों इस संगठन के सीईओ लेथ मारुफ ने अपने एक संदेश में श्वेत यहूदियों को सर्वोच्च बताया था जिसके बाद अन्य धार्मिक संगठनों व अन्य सामाजिक संगठनों ने इस टिप्पणी पर गहरा रोष जताते हुए इसे जातिवाद का सूचक बताया और कहा कि इस टिप्पणी में अन्य जातियों को निम्न व श्वेत समुदाय को सर्वश्रेष्ठ बताया हैं, जबकि कैनेडा में सर्वधर्म को बढ़ावा दिया जाता हैं और भविष्य में इस प्रकार की टिप्पणियों वाले संगठनों को सरकारी वित्तीय मदद मिलने से ऐसे संगठनों को और अधिक बल मिलेगा, इसलिए सरकार को फौरन इनकी फंडींग रोक देनी चाहिए, जिससे अन्य संबंधित संगठनों को इस घटना से कोई उदाहरण मिल सके।

गौरतलब है कि हुसैन ने मीडिया को यह भी बताया कि उन्होंने अपने संदेश में यहूदियों पर टिप्पणी करते हुए अन्य जातियों पर कटाक्ष किया जोकि निदंनीय और खराब हैं, ऐसी बातों का कैनेडियन सरकार कभी भी समर्थन नहीं करेगी। अपने बयान में उन्होंने कहा कि कम्युनिटी मीडिया एडवोकेसी सेंटर को उनकी जातिगत विरोधी गतिविधियों के कारण जारी परियोजना से हटाया जा रहा हैं और उन्हें मिलने वाली फंडींग भी रोक दी गई हैं। ज्ञात हो कि सीएमएसी के वरिष्ठ परामर्शदाता लैथ मारुफ ने पिछले दिनों अपने ट्विटर संदेश में यहूदियों को सर्वश्रेष्ठ बताया जबकि अन्य जातियों को उनसे कम आंका, इस कारण से देश में एक बार फिर से जातिय भेदभाव का वातावरण फैल रहा हैं, जिसे नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि कैनेडा में जातिगत भेदभाव को कभी भी प्रोत्साहन नहीं दिया गया हैं इस कारण इससे जुड़े सभी पहलुओं को प्रारंभ में ही रोका जा रहा हैं और जिसके कारण उन्हें मजबूरन यह कार्यवाही करनी पड़ी हैं।

वहीं मारुफ के वकील ने अपनी सफाई में कहा कि उनके शब्दों को गलत लिया गया हैं और उनका अर्थ किसी भी प्रकार से देश में गलत संदेश फैलाना नहीं था, जिसके लिए हैरीटेज विभाग जांच करवा सकता हैं। उन्होंने मंत्री हुसैन से एक अपील करते हुए कहा कि मामले की गहन जांच करके ही कोई निर्णय लें और इस प्रकार से जारी फंडींग को नहीं रोका जाएं जिससे संगठन का नाम भी खराब होता हैं जबकि उन्होंने किसी भी अन्य जाति की निंदा नहीं की थी।

You might also like

Comments are closed.