नकली भर्ती लेटर घोटाला : छात्र संघों ने योग्य आवेदकों के भविष्य को लेकर जताई चिंता

Fake Recruitment Letter Scam: Student unions express concern about the future of eligible applicants

– आईआरसीसी का मानना है कि कैनेडियन सरकार को जल्द ही इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए उन लोगों की खोज करनी चाहिए जिन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया और उनकी ठगी के कारण आज सैकड़ों भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ हैं।

Fake Recruitment Letter Scam: Student unions express concern about the future of eligible applicants
Fake Recruitment Letter Scam: Student unions express concern about the future of eligible applicants

मिसिसॉगा। गत 14 जून को केन्द्रीय प्रवासी मंत्री सीन फ्रेसर (Union Minister for Migration Sean Fraser) ने मीडिया को बताया था कि इस संबंध में जो योग्य आवेदक हैं, उन्हें बचाने के लिए हर संभव मदद की जाएंगी और इसके लिए सरकार कैनेडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी के पिछले कार्यों पर नजर रखे हुए हैं और वास्तविक पीडि़तों का खोज अभियान आरंभ कर दिया गया हैं, जिससे उन्हं पहचाना जा सके और उनकी उचित मदद की जा सके। ज्ञात हो कि मिसिसॉगा में सीबीएसए कार्यालय के बाहर पीडि़त छात्रों के समर्थक संगठनों ने प्रदर्शन कर सरकार द्वारा भर्जी एडमीशन लेटर देने वाले छात्रों के डिर्पोट करने के आदेश को वापस लेने की मांग की, इन संगठनों का कहना है कि कैनेडियन सरकार को जल्द ही इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए उन लोगों की खोज करनी चाहिए जिन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया और उनकी ठगी के कारण आज सैकड़ों भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ हैं।

कैनेडा में पढ़ाई करने वाले भारत के करीब 700 छात्रों पर स्वदेश वापसी का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि वहां की सरकार उन्हें उनके देश भेजने की तैयारी में लगी है. दरअसल, इन सभी छात्रों पर फर्जी ऑफर लेटर के माध्यम से एडमिशन लेने का आरोप लगा है. कनाडा सरकार के फैसले के विरोध में भारतीय छात्र धरने पर बैठ गए हैं, यह धरना कैनेडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी के मुख्यालय के सामने दिया जा रहा है। वहीं, भारतीय छात्रों का मानना है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और वो फर्जीवाड़े का शिकार हैं । कैनेडा के कॉलेज में एडमिशन लेने वाले कई भारतीय छात्रों को गत 13 जून को निर्वासित होना था, परंतु प्रधानमंत्री के आश्वासन के पश्चात उन्हें अभी नहीं निकाला गया।

दूसरी तरफ, भारत के पंजाब प्रांत के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने केंद्र से 700 भारतीय छात्रों के मामले को हल करने की मांग की है, जिनमें ज्यादातर पंजाबी हैं. ये सभी कैनेडा में आव्रजन धोखाधड़ी (इमीग्रेशन फ्रॉड) में फंस गए हैं और निर्वासन के मामलों का सामना कर रहे हैं, धालीवाल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे एक पत्र में मांग की कि छात्रों को निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए और उनके वीजा पर विचार करते हुए वर्क परमिट दिया जाना चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने भारतीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि छात्रों को धोखा देने वाले ट्रैवल एजेंटों को दंडित करने के लिए केंद्र पंजाब सरकार के साथ सहयोग करे। धालीवाल ने कहा, ‘मैंने विदेश मंत्री से मिलने के लिए भी समय मांगा है ताकि पूरे मामले को व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के ध्यान में लाया जा सके.’ उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मामलों में कानून सख्त होना चाहिए ताकि भविष्य में मानव तस्करी की घटनाएं न हों । धालीवाल ने भारतीय लोगों से यह भी अपील की कि विदेश जाने या अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजने से पहले कॉलेज का विवरण और ट्रैवल एजेंट का रिकॉर्ड जरूर जांच लें।

विद्यार्थियों का करियर दांव पर लगाने वाले उक्त एजेंट एसोसिएशन आफ कंसलटेंट फार स्टडीज का सदस्य नहीं था। इस एसोसिएशन में सिर्फ लाइसेंस होल्डर एजेंट को सदस्य बनाया जाता है। एसोसिएशन को भी इस एजेंट की जानकारी नहीं है। एसोसिएशन अपने स्तर पर पुलिस प्रशासन को शिकायत देने जा रहा है। उक्त एजेंट के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाए। जिसने विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा दिया है। कैनेडा में स्थायी होने के सपने पर सवालिया निशान लगा दिया है। एसोसिएशन के सचिव सुखविंदर नंद्रा ने कहा कि जल्द पुलिस प्रशासन से मिलेंगे और एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहेंगे। विद्यार्थियों को धोखे में रखकर करोड़ों रुपए ऐंठ कर अंडरग्राउंड हो गया।

जेपीजी पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल ने कहा कि जालंधर के उक्ट ट्रेवल एजेंट के खिलाफ किसी अभिभावक या किसी व्यक्ति ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। अभिभावक एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाता है तो बनती कार्रवाई की जाएगी। एजेंट को पकडऩे के लिए टीमें गठित होने के साथ-साथ छापेमारी भी की जाएगी। विद्यार्थियों को इंसाफ मिलेगा। एसोसिएशन के सदस्य सुखविंदर नंद्रा ने बताया कि उक्त विद्यार्थियों को हंबर कालेज में विद्यार्थियों को दाखिला प्रवेश नहीं दिलवाया। विद्यार्थियों की ईमेल की बजाए एजेंट ने खुद की ईमेल आईडी दी हुई थी। विद्यार्थी को दाखिला संबंधित किसी प्रकार की जानकारी विद्यार्थियों को नहीं मिल रही थी जिसके कारण विद्यार्थी उक्त एजेंट का शिकार हो गए। हालांकि एजेंट विद्यार्थियों के संपर्क में था।

कैनेडा के हंबर कालेज में दाखिल न मिलने के कारण उक्त एजेंट विद्यार्थियों को फोन करके कहता था कि कालेज की सीटें फुल है। किसी अन्य कालेज में दाखिल करवा देते है। एजेंट कुछ पैसे विद्यार्थियों के अभिभावकों को देता ताकि किसी को धोखाधड़ी का पता न चलें। विद्यार्थियों को जिस कालेज में दाखिल करवाया गया, वह अंतरराष्ट्रीय स्टडीज के नॉर्म पूरे नहीं करता था। हंबर कालेज के झूठे आफर लेटर विद्यार्थियों को पकड़ा दिए। जेपीजी एनआरआइ सभा के पूर्व प्रधान जसवीर गिल ने कहा कि एजेंट ने विद्यार्थियों के करियर को दांव पर लगा दिया है जोकि सरासर गलत है। जालंधर में कई गैर-ढंग से ट्रेवल एजेंट चल रहे है जो भोले-भोली जनता को अपना शिकार बना रही है। पुलिस प्रशासन उक्त एजेंट के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लें।

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