ग्रीनबेल्ट डेवलपमेंट के विरोध में दुरहम में आयोजित की गई रैली

Rally organized in Durham against Greenbelt development

– ऑडिटर जनरल द्वारा पेश की रिपोर्ट में हानिकारक तथ्यों का स्पष्टीकरण करने के बाद फोर्ड सरकार के विरोध में आम लोगों का फूटा गुस्सा

टोरंटो। गत रविवार को दोपहर बाद दुरहम प्रांत में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा एक विरोध रैली का आयोजन कर जताया, ये लोग डग फोर्ड सरकार की बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे, ज्ञात हो कि गत दिनों राज्य के ऑडिटर जनरल द्वारा ग्रीनबेल्ट डेवलपमेंट की योजना के कार्य प्रणाली संबंधित ऑडिट रिपोर्ट को पेश किया गया, जिसमें माना गया कि राज्य के वित्तमंत्री ने कुछ डेवलपरों को इसमें विशेष महत्व देते हुए उन्हें इस कार्य के लिए चुना, जबकि ये डेवलपरस अपने योग्यता दायरों में उचित रुप से मान्य नहीं थे। जानकारों के अनुसार ये प्रदर्शनकारी वित्तमंत्री पीटर बैथलेनफालवी के पीकरिंग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, इन्होंने इस रैली का नाम ”स्टॉप स्प्रॉल दुरहम” का नाम दिया।

एक स्थानीय प्रदर्शनकारी अब्दुल्ला मीर ने पत्रकारों को बताया कि इस प्रकार से विकास के नाम पर हम ग्रीनबेल्ट को समाप्त नहीं कर सकते, सरकार विकास की आड़ में केवल बड़े-बड़े बिल्डिरों को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही हैं, इस बारे में वर्ष 2019 में भी इस प्रस्ताव पर विवाद गहराया था, जिसे कोविड काल के कारण दबा दिया गया, लेकिन अब जनता चुप नहीं बैठेगी। हमारे पास अभी कोई सबूत नहीं हैं और न ही इस बारे में वित्त मंत्रालय को कोई सूचना जारी की गई हैं, यह भी ज्ञात हो कि सरकार ने इस बारे में कोई भी परामर्श सुविधा जारी नहीं की, आंकड़ों का हवाला देते हुए लोगों ने बताया कि सरकार 2400 एकड़ भूमि में 50,000 नए घरों का निर्माण करेगी, जिसके लिए भूमि बहुत अधिक प्रयोग में ली जा रही हैं, आंतरिक जानकारों का दावां है कि सरकार अर्फोडेबल यूनिटों के साथ-साथ कई प्रकार के शॉपिंग कॉम्पलैक्स व व्यवसायिक संसाधनों का निर्माण कर भविष्य में बहुत अधिक मुनाफा कमाने की योजना बना रही हैं।

गौरतलब है कि इस रिपोर्ट की प्रस्तुति के समय ऑडिटर जनरल के साथ-साथ प्रीमियर डग फोर्ड और आवासीय मंत्री स्टीव क्लार्क भी मौजूद रहे। ज्ञात हो कि बोनी लायस्क ने इस संबंध में ऑडिटींग गत वर्ष नवम्बर में आरंभ कर दी थी, जिसकी पहली रिपोर्ट जनवरी में पेश की गई थी और अब इसकी पूर्ण रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें यह माना गया कि वर्तमान प्रोगरेसीव कंसरवेटिव सरकार 7400 एकड़ भूमि से ग्रीनबेल्ट को हटाते हुए उसका विकास करेंगे और उसे आवासीय भूमि की श्रेणी में शामिल किया जाएंगा। सरकार ने जनता से वादा किया था कि वह आवश्यक भूमि की सुरक्षा करते हुए उसका विकास करेंगें, जिसमें अगले 10 वर्षों में 1.5 मिलीयन होमस का निर्माण भी सुनिश्चित किया जाएंगा।

सरकार ने अपने वादे में यह भी कहा कि फिलहाल उनका लक्ष्य 50,000 होमस बनाने का हैं, जिसके लिए पहले ग्रीनबेल्ट में सुधार किया जाएंगा और इस आवास संबंधी श्रेणी का निर्माण कार्य 2025 के आंरभ में हो जाएंगा। यद्यपि, यह भी पता हो कि राज्य के कई बड़े डेवलपरों ने वर्ष 2019 से ही इन भूमियों को खरीदना आरंभ कर दिया था, जिसके पश्चात वर्ष 2022 से इनका सुधार कार्य आरंभ हो गया हैं और अगले दो वर्षों में इन भूमियों को पूर्णत: आवासीय भवनों के निर्माण हेतु तैयार कर लिया जाएंगा, जिससे सुरक्षित आवासीय भवनों का निर्माण उचित प्रकार से हो सके। इस संबंध में 15 साईटस भी सुनिश्चित किये गए हैं। वही विपक्ष का कहना है कि सरकार इस संबंध में केवल हवाई वादे कर रही हैं और उन्होंने राज्य के बड़े डेवलपरों से इस संबंध में बहुत बड़ा घोटाला किया हैं जिसकी उचित रिपोर्ट ऑडिट में सभी के सामने स्पष्ट हो जाएंगी।

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