Toronto News-वर्तमान जेंडर-अर्फींग केयर नीति के विरोध में मतदान करें : हन्नाह हडसन

Toronto News: Vote against current gender-defining care policy: Hannah Hudson

– टोरी उम्मीदवार किन्नर हन्नाह हडसन ने कहा कि लिंग संबंधी नीतियों को कल्याणकारी योजनाओं से जोडऩे के नाम पर संबंधित समुदायों के बच्चों की लिंग संबंधी जानकारियों को सार्वजनिक करना उचित नहीं, इसलिए इस नीति को पारित न होने दें।

Gender-appropriate care policy
Gender-appropriate care policy

Toronto News : टोरंटो। देश की पहली ऐसी उम्मीदवार जिन्होंने अपने लिंग संबंधी विवरण को किसी से नहीं छुपाया किन्नर हन्नाह हडसन (Shemale Hannah Hudson) ने अपने ताजा साक्षात्कार में माना कि इस समय देश में चल रही जेंडर-अर्फींग केयर नीति का विरोध बहुत अधिक आवश्यक हो गया हैं, यदि ऐसा नहीं किया गया तो भविष्य में हमारे बच्चों द्वारा आत्महत्या करने की स्थिति पैदा हो जाएंगी। उनके भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए इस वर्तमान नीति के विरुद्ध में मतदान करना होगा। उन्होनें माना कि यदि वर्तमान नीति को पारित कर दिया जाता है तो स्थानीय संबंधित समुदाय के लोगों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा।

हडसन ने यह भी माना कि वर्तमान सत्ताधारी सरकार ने समलिंगी व संबंधित समुदायों के लिए बहुत से वादे किये हैं, लेकिन संबंधित समुदायों के उत्थान के नाम पर उनके बच्चों की लिंग संबंधित जानकारी को सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा। हन्नाह हडसन वहीं हैं जिन्होंने वर्ष 2021 में ब्रिटीश कोलम्बिया के विक्टोरिया से चुनाव लड़ा था।

ज्ञात हो कि गत शनिवार को वर्तमान ओंटेरियो सरकार द्वारा प्रतिबंधित ”मेडिकल या सर्जिकल हस्तक्षेप” के विस्तृत विवरण संबंधित नीति के पक्ष में मतदान होने पर हडसन ने एतराज जताते हुए कहा कि वर्तमान नेताओं को इस संबंध में पता होना चाहिए कि यदि इस संबंधित समुदाय के बच्चों की प्रतिबंधित लिंग को सार्वजनिक किया जाता हैं तो उसके कोमल मन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा, जिसके कारण उसे लोगों से छुपाना ही श्रेष्ठ होगा।

ओंटेरियो के शिक्षामंत्री स्टीफन लीस (Ontario Education Minister Stephen Lees) ने अपने ताजा बयान में बताया कि इस वर्ष आगामी सितम्बर से आरंभ होने वाले नए शिक्षा सत्र में 16 वर्ष तक के छात्र अपना प्रोनाउन संबंधी परिवर्तन की जानकारी दे सकते हैं, परंतु इसके लिए उन्हें अपने अभिभावकों की पूर्ण स्वीकृति प्रस्तुत करनी होगी, अभिभावकों की मर्जी के शामिल हुए बिना इस कार्य को अंजाम नहीं दिया जा सकता। शिक्षामंत्री लीस ने यह भी माना कि कई बार बच्चों के सर्वनाम से उसके जीवन व पढ़ाई पर बहुत बुरा असर पड़ता हैं, जिसके लिए छात्रों को नए सर्वनामों छुपाते हुए मजबूरी में जीवन भर रहना पड़ता था और इसके लिए कई बार छात्र आत्मनिर्भर बनने में भी स्वयं को निर्बल और असहाय समझता हैं।

इस संबंध में मौजूदा अभिभावकों ने भी अपने उदाहरण देते हुए स्पष्ट कहा कि पहले उन्हें इस प्रकार का खुला वातावरण नहीं मिला, जिसके कारण वे अपने जीवन में तरक्की व प्रगति नहीं कर सके। लेकिन आज के युवा बहुत अधिक आशावादी हैं जिसके लिए अब समय आ गया हैं कि उन्हें मुक्त वातावरण दिया जाएं और इसमें बाधा बन रहे प्रोनाउनों से छुटकारा प्राप्त कर स्वयं को जाति व धर्म से बाहर निकालना होगा और नई दुनिया में शामिल होते हुए उसमें स्वयं का विलय करना होगा। लेकिन उनका यह भी मानना है कि प्रांत में कई ऐसे बच्चें हैं जिनका सर्वनाम समान हैं, परंतु उन सभी की विकास की स्थिति भिन्न-भिन्न हैं, उन्हें इस विचार में जोडऩा होगा कि विकास में जो भी बाधा हो उसे दूर करें और यदि आप किसी भी सर्वनाम के कारण केवल बंधकर कार्य कर रहे हैं, तो फौरन उसे बदल देना चाहिए।

You might also like

Comments are closed.