अमेरिकी आम चुनाव की दौड़ में भारतीय मूल के अमेरिकी भी

0465_beraamiनई दिल्ली। इस साल भारत और अमेरिका में होने वाले चुनाव भारतीयों के चलते चर्चा का विषय बने हुए हैं। जहां एक ओर भारत में कुछ महीने बाद ही आम चुनाव होनें हैं वहीं अमेरिका में भी अपने तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक इसी साल चुनाव होने वाले हैं। इन दोनों चुनावों में एक बात खास है कि इन दोनों चुनावों में भारतीय अपनी ताल ठोकते नजर आ रहे हैं। चलिए आपको बताते हैं कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में कौन कौन इंडियन-अमेरिकन अपना डंका बजाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
अमेरिकी चुनाव की तारीख- चार नवंबर 2014
अमेरिका में चुनावी प्रक्रिया
अमेरिका में कांग्रेसनल चुनाव होने जा रहे हैं। अमेरिकी कांग्रेस में दो हिस्से होते हैं। पहला सीनेट और दूसरा प्रतिनिधि सभा। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में कुल 435 सीटे हैं। इसके साथ ही इस चुनावी प्रक्रिया में कोलंबिया और पांच यूएस टैरिरिटी को भी शामिल किया जाता है। इन सभी का कार्यकाल चार साल का होता है।
अमेरिकी चुनाव के मुद्दे- अमेरिकी चुनाव में रिपब्लिकन ओबामा की ओबामा केयर नीति पर निशाना साधे हुए हैं। डेमोक्रेटिक न्यूनतम मजदूरी को 7.25 डालर करने पर जोर दे रहे हैं। इमीग्रेशन रिफार्म भी अहम चुनावी मुद्दा है।
भारत में चुनावी प्रक्रिया
भारतीय संसद में भारत के राष्ट्रपति और दो सदन शामिल हैं। भारत के राष्ट्रपति का चुनाव पांच वर्ष की अवधि के लिए निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संघ और राज्य के विधानमंडलों के सदस्य शामिल होते हैं। भारत की संसद के दो सदन हैं। लोक सभा में 545 सदस्य होते हैं। 543 सदस्यों का चयन पांच वर्षों की अवधि के लिए एकल सीट निर्वाचन क्षेत्रों से होता है और दो सदस्यों को एंग्लो-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है (भारतीय संविधान में उल्लेख के अनुसार, अब तक लोक सभा में 545 सदस्य होते हैं। 543 सदस्यों का चयन पांच वर्षों की अवधि के लिए होता है और दो सदस्यों को एंग्लो-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है)।
राज्यों की परिषद (राज्य सभा ) में 245 सदस्य होते हैं, जिनमें 233 सदस्यों का चयन छह वर्ष की अवधि के लिए होता है, जिसमें हर दो साल में एक तिहाई अवकाश ग्रहण करते हैं। इन सदस्यों का चयन राज्य और केंद्र (संघ) शासित प्रदेशों के विधायकों द्वारा किया जाता है। निर्वाचित सदस्यों का का चयन आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल अंतरणीय मत के माध्यम से किया जाता है।
भारतीय चुनाव के मुद्दे- भारत में साल 2014 का आम चुनाव महंगाई, भ्रष्टाचा, सुशासन और विकास के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है। विकास और आम आदमी को हक दिलाना इस बार चुनावी मुद्दों में सबसे ज्यादा खास है। काले धन को वापस लाना भी प्रमुख पार्टियों के मुद्दों में शामिल है। देश की अर्थव्यवस्था की डावांडोल स्थिति सुधारने के दावे भी इस बार के चुनावी मुद्दों मे जोरो खरोश के साथ शामिल किए जा रहे हैं।
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