आम आदमी की तरह काम करूंगा: मुख्य न्यायाधीश

29_09_2014-cjidattu

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने रविवार को देश के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। उन्होंने भरोसा दिलाया, ‘इस पद पर मैं एक आम आदमी की तरह काम करूंगा।’ जस्टिस दत्तू के अनुसार उनकी कोशिश होगी कि हर आम-खास की समस्याओं को गंभीरता से समझ सकें।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में हुए एक संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान जस्टिस दत्तू को देश के 42वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई। इस दौरान उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के अलावा कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बहुत से वरिष्ठ लोग मौजूद थे। बाद में उन्होंने अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा, ‘मैं इस पीठ पर भी एक आम आदमी की तरह ही बैठूंगा। आखिर न्याय पाने के लिए यह देश की सबसे अंतिम अदालत है।’ उन्होंने कहा कि चाहे कोई जज हो या आम आदमी, सभी की समस्याओं को गहराई से सुनने और समझने की कोशिश करेंगे। नए मुख्य न्यायाधीश के मुताबिक शीर्ष अदालत पर काम का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ ही उसकी जिम्मेवारी भी बढ़ रही हैं।

सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा की आरोपियों से मुलाकात को लेकर लगाए गए आरोपों की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति दत्तू ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चाहे वह किसी की जमानत का मामला हो या अचल संपत्ति का या फिर कोई और, हर मामले में अदालत को काफी जिम्मेदारी से काम करना होता है। उनका कहना था कि अदालत में किसी आम और खास आदमी में कोई फर्क नहीं किया जा सकता। जस्टिस दत्तू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर उन्हें दिन में लगभग 16 घंटे काम करना होता है।

63 साल के न्यायमूर्ति दत्तू अपनी थकान कर्नाटक संगीत सुनकर और कॉफी पीकर दूर करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा। दो दिसंबर, 2015 को वे इस पद से रिटायर होंगे। न्यायमूर्ति दत्तू ने जस्टिस आरएम लोढा की जगह ली है।

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