शिवसेना से गठजोड़ टूटने पर छलका आडवाणी का दर्द

अहमदाबाद । भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने महाराष्ट्र में ढाई दशक पुराना भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने पर दुख जताया है। मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आडवाणी ने कहा कि गठबंधन रहता तो उन्हें खुशी होती। सीट बंटवारे पर मतभेद के बाद दोनों दलों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने का फैसला किया है।

गांधीनगर से सांसद आडवाणी ने गुरुवार को यहां स्वच्छता अभियान की शुरूआत की। इस दौरान संवाददाताओं द्वारा भाजपा-शिवसेना गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर आडवाणी ने कहा, ‘मुझे ज्यादा खुशी होती यदि यह गठबंधन जारी रहता। लेकिन, पार्टी के लोगों का कहना था कि सीट बंटवारे का फार्मूला उचित नहीं था और हमें ज्यादा सीटें दी जानी चाहिए थी।’ आडवाणी के मुताबिक उद्धव ठाकरे से इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने नितिन गडकरी से बात भी की थी। आडवाणी ने स्पष्ट किया कि इस पूरी प्रक्रिया में वह शामिल नहीं थे।

आडवाणी ने पार्टी को नसीहत दी कि राज्यों में उसके सहयोगी मजबूत हैं, इसलिए भाजपा को उन्हें अपने साथ रखना चाहिए। स्वच्छता अभियान पर उन्होंने कहा कि वह पहले भी ऐसे कार्यक्रम करते आए हैं, समय-समय पर सफाई के मुद्दे भी उठाते रहे हैं। महज टॉयलेट बनाने से स्वच्छता नहीं आ जाएगी, इसके लिए जनता में जागरुकता भी लाना जरूरी है।

चुनाव बाद शिवसेना से हाथ मिला सकती है भाजपा

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव बाद भाजपा, शिवसेना से हाथ मिला सकती है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने इसके संकेत दिए हैं। लेकिन, शिवसेना के तेवर अब भी उग्र हैं। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर शिवसेना के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है।

गडकरी ने यहां कहा, चुनाव बाद की परिस्थितियों पर शिवसेना से समझौते पर विचार किया जा सकता है। गठबंधन टूटने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक’ करार देते हुए गडकरी ने कहा, ¨हदुत्व के आधार पर शिवसेना भाजपा की सहयोगी रही है और जरूरत पड़ने पर भाजपा संसदीय बोर्ड इस मसले पर विचार करेगा।

लेकिन, उद्धव ने भाजपा पर विदर्भ कार्ड के चलते गठबंधन तोड़ने का आरोप लगाया है। भाजपा पृथक विदर्भ राज्य की समर्थक है, जबकि शिवसेना लगातार इसका विरोध करती रही है। सतारा में एक चुनावी रैली में शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘भाजपा ने शिवसेना से गठजोड़ इसलिए तोड़ा क्योंकि आप यह अच्छी तरह से जानते थे कि हमारे रहते आप महाराष्ट्र का विभाजन नहीं कर सकते। एक बात याद रखिए हम छत्रपति शिवाजी के महाराष्ट्र को आपकी रणनीति का शिकार नहीं बनने देंगे। महाराष्ट्र एक था, है और रहेगा।’ उद्धव ने यह भी कहा कि यदि शिवसेना महाराष्ट्र में भाजपा को उठाने में मदद कर सकती है तो उसके पतन की वजह भी बन सकती है।

You might also like

Comments are closed.