हरियाणा में मंत्रियों के विभाग वितरण में फंसा पेंच

चंडीगढ़, हरियाणा की भाजपा सरकार के नए मंत्रियों में सोमवार को भी विभागों का बंटवारा नहीं हो सका। मंत्रिमंडल की पहली बैठक में मंत्रियों ने बिना विभाग आवंटन के ही भागीदारी की। नई दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मंगलवार को मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर सकते हैं।

मनोहर मंत्रिमंडल में छह कैबिनेट और तीन राज्यमंत्री बनाए गए हैं। अमूमन मंत्रियों के शपथ लेने के एक या दो घंटे के बाद ही विभागों का बंटवारा कर दिया जाता है।

सूत्रों के अनुसार वित्त, राजस्व, आबकारी एवं कराधान, खाद्य एवं आपूर्ति तथा गृह मंत्रालयों के बंटवारे पर मामला उलझा हुआ है। दो मंत्री इन विभागों पर दावेदारी जता रहे हैं। मध्य हरियाणा के एक मंत्री ने भी उनकी दावेदारी में हस्तक्षेप कर दिया है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गृह मंत्रालय किसी मंत्री को देने की बजाय मुख्यमंत्री के पास रखने के पक्ष में है। वित्त, राजस्व और आबकारी एवं कराधान विभाग चूंकि सीधे तौर पर प्रदेश की अर्थव्यवस्था से जुड़े हैं, लिहाजा यह विभाग तुजुर्बेकार मंत्री को देने की चाह भाजपा नेतृत्व की है। ऐसे में जल्दबाजी करने की बजाय सोच समझकर फैसला लिया जाना है।

बिजली व सिंचाई मंत्रालयों से कुछ मंत्री कन्नी काटते दिखाई दे रहे हैं। मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का काम उलझता देख अब फैसला भाजपा हाईकमान पर छोड़ दिया गया है।

मुख्यमंत्री खट्टर भी कैबिनेट की मीटिंग और चंडीगढ़ में गृह प्रवेश करने के बाद दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में उनकी शीर्ष नेताओं से मंत्रियों के कामकाज के बंटवारे पर बातचीत होने की संभावना है। मंगलवार शाम तक मंत्रियों के विभाग बंटने की संभावना है। राज्य में 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बारे में कहा कि मंत्रियों के विभागों का आवंटन सरकारी कामकाज का हिस्सा है। जब विभागों का बंटवारा होगा तो मीडिया को बता दिया जाएगा।

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