नए मोटर एक्ट को कैबिनेट से जल्द मिलेगी मंजूरी

नई दिल्ली, नए मोटर विधेयक पर कुछ राज्यों के एतराज के बावजूद केंद्र को भरोसा है कि आगामी सत्र में विधेयक संसद में पेश हो जाएगा। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद की 15वीं और परिवहन विकास परिषद की 36वीं बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विधेयक को जल्द ही कैबिनेट और प्रधानमंत्री से मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई।

सड़क हादसे

गडकरी ने कहा कि देश में हर साल साढ़े चार लाख युवा (15 से 45 वर्ष की आयु वाले) सड़क हादसों का शिकार होते हैं, जिनमें डेढ़ लाख की मौत हो जाती है। हम हादसों की इस दर को अगले दो वर्षो में 50 फीसदी तक कम करना चाहते हैं। इसीलिए नए सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक, 2014 में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए कड़े दंड की व्यवस्था की गई है।

सख्त प्रावधान

बच्चे की मौत पर न्यूनतम तीन लाख रुपये जुर्माना और सात साल की कैद, खराब डिजाइन का वाहन बनाने वाली कंपनी पर प्रति वाहन पांच लाख जुर्माना, असुरक्षित वाहन चलाने पर एक लाख जुर्माना और छह माह से लेकर एक वर्ष तक की कैद तथा लापरवाही व खतरनाक ढंग से गाड़ी चलाने वालों का लाइसेंस रद करने जैसे अनेक प्रावधान किए गए हैं।

एक से आरसी व डीएल :

संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) के कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पूरे देश में एक तरह के वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) और ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) जारी किए जाएंगे।

ड्राइविंग स्कूल व वाहन जांच केंद्र

ज्यादातर दुर्घटनाएं अप्रशिक्षित ड्राइवरों और असुरक्षित वाहनों के कारण होती हैं। इसलिए सरकार देश भर में ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल तथा वाहन जांच केंद्र खोलने जा रही है। इसकी शुरुआत 1 नवंबर से होगी।

नई सड़कें

सड़कों की दशा सुधारने के लिए सार्वजनिक निजी सहभागिता (पीपीपी) पर आधारित पांच लाख करोड़ रुपये का राजमार्ग निर्माण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी सड़क निर्माण में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को बढ़ावा देना चाहते हैं। पर्यावरण अनुकूल तकनीकों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री से टैक्स में रियायत देने को कहेंगे।

मल्टी मोड ट्रांसपोर्ट

सार्वजनिक यातायात के लिए सरकार मल्टी मोड ट्रांसपोर्ट प्रणाली पर जोर दे रही है। जिसमें रेल, सड़क जल और हवाई यातायात के साधनों को परस्पर एक-दूसरे का पूरक बनाने पर जोर होगा। बड़े बस टर्मिनल या बस पोर्ट बनाने के लिए राज्यों को सालाना 3000 करोड़ रुपये की मदद देने का प्रस्ताव है। इसके लिए जरूरी है कि पहली जनवरी से अंतरराज्यीय टूरिस्ट बसों पर नेशनल परमिट की समान कर प्रणाली लागू हो। ज्ञात हो,हिमाचल, उड़ीसा व दक्षिण भारत के कुछ राज्य इसके खिलाफ हैं।

महिला सुरक्षा

बसों व सार्वजनिक वाहनों में महिलाओं की सुरक्षा की राष्ट्रव्यापी स्कीम प्रारंभ की जा रही है। इसके तहत राज्यों में सिटी कमांड व कंट्रोल सेंटर बनाए जाएंगे जो परिवहन निगमों तथा पुलिस को महिलाओं की सुरक्षा के लिए आईटी और जीपीएस आधारित बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगे।

ई-रिक्शा

गडकरी के अनुसार ई-रिक्शा को बढ़ावा देने का मकसद हाथ रिक्शा की अमानवीय प्रथा को समाप्त कर गरीबों को रोजगार देना है।

राष्ट्रीय जलमार्ग योजना

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तर्ज पर देश में राष्ट्रीय जलमार्ग योजना प्रारंभ की जाएगी।

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