जदयू के पूर्व विधायक शोएब इकबाल कांग्रेस में शामिल

नई दिल्ली, आम आदमी पार्टी (आप) और इसके संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भाजपा से सांठगांठ कर धर्मनिरपेक्ष ताकतों को कमजोर करने का आरोप लगा रही कांग्रेस दिल्ली के चुनावी दंगल में धर्मनिरपेक्षता का दांव आजमाने की तैयारी में है। पार्टी का कहना है कि सांप्रदायिक ताकतों को कमजोर करने के लिए यह जरूरी है कि धर्मनिरपेक्ष ताकतें एकजुट हो जाएं।

राजधानी के मटिया महल विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड के निवर्तमान विधायक शोएब इकबाल को अपने पाले में लाकर पार्टी ने सूबे में यही संदेश देने की कोशिश की है कि वह धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने में जुटी हुई है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में बेटे आले मोहम्मद व भतीजे खुर्रम इकबाल के साथ कांग्रेस में शामिल हुए शोएब ने कहा भी कि दिल्ली में सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त करने के उद्देश्य से ही वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं। दिल्ली में कांग्रेस की 15 साल की हुकूमत आप ने समाप्त कर दी। अब नए चुनाव की तैयारियों के क्रम में कांग्रेस शुरू से ही कह रही है कि आप असल में भाजपा की ही सहयोगी है।

पार्टी नेता लगातार कह रहे हैं कि जिस प्रकार वर्ष 1993 में जनता दल ने धर्मनिरपेक्ष मतों का बंटवारा कराया और भाजपा को जीत दिलाई, उसी प्रकार आप भी दिल्ली में कांग्रेस को हराकर भाजपा की सरकार बनाने में मदद करना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाकर ही आप खड़ी हुई है। ऐसे में कांग्रेस की यह पुरजोर कोशिश है कि वह किसी भी प्रकार वह राजधानी में आप के जनाधार को कम कर दे। इस चुनाव में इन दोनों राजनीतिक दलों की सियासी भिड़ंत में अहम बात यह है कि पलड़ा उसका भारी माना जाएगा जिसके पक्ष में मुस्लिम मतदाता खड़े होंगे।

यदि मुस्लिम मतदाता अरविंद केजरीवाल के पाले में खड़े हो जाते हैं तो आप मजबूत हो जाएगी लेकिन यदि वे पारंपरिक तौर पर कांग्रेस को ही वोट देने को तैयार दिखे तो निश्चित रूप से कांग्रेस मजबूत रहेगी।

कांग्रेस विधायक दल के नेता रहे हारून यूसुफ ने कहा कि यह वक्त तमाम धर्मनिरपेक्ष ताकतों की एकजुटता का है। यूसुफ ने कहा कि शोएब के शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश की सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को भी एक मंच पर आना चाहिए।

शोएब इकबाल के कांग्रेस में शामिल होने के मौके पर पार्टी के दिल्ली मामलों के प्रभारी डॉ. शकील अहमद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, हारून यूसुफ, पूर्व विधायक देवेंद्र यादव, प्रह्लाद सिंह साहनी आदि नेता मौजूद थे।

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