आश्रम में अर्धनग्‍न हालत में मिली महिला, 23 कट्टे व 10 बंदूकें भी मिलीं

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चंडीगढ़/हिसार। बरवाला सतलोक आश्रम में शुक्रवार को सर्च अभियान के दौरान पुलिस को 10 दुनाली बंदूकें, एक पिस्टल अौर 23 बारह बोर के कट्टे मिले हैं। बताया जाता है कि इसमें पिस्टल लाइसेंसी है। इसके अलावा शौचालय से एक महिला बेहोशी की हालत में अर्धनग्न अवस्था में मिली।

रामपाल के इस आश्रम को छह सेक्टरों में बांट कर पुलिस खोजबीन में जुटी है। पहले पुलिस तीन सेक्टरों को खंगालने में लगी है। रामपाल के घर की बाद में तलाशी ली जाएगी। प्रशासन ने आसपास के गांवों की एक लोकल कमेटी भी तैयार की है जो कि सर्च अभियान में पुलिस की मदद कर रही है।

सूचना यह भी है कि रिमांड पर चल रहे रामपाल को लेकर पुलिस हिसार जा सकती है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उनके कथित आश्रम में कई रहस्यमयी चीजें मिली हैं जिनकी जानकारी रामपाल से ही ली जाएगी। इसके साथ ही आश्रम के हर कोने में ले जाकर रामपाल से तमाम चीजों की निशानदेही करवाई जा सकती है। उसके साथियों को भी इस दौरान यहां लाया जा सकता है। इस बीच रामपाल को सलाखों के पीछे नहीं नहीं आ रही है और सूत्रों के मुताबिक उसने जाग कर ही रात काटी है।

 

देर रात करीब सवा दस बजे हिसार की मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रियंका जैन की अदालत ने सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को पांच दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। हालांकि पुलिस ने सात दिन का रिमांड मांगा था। इसके अलावा रामपाल के नौ सहयोगियों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस ने सतलोक आश्रम में मिले हथियारों व अन्य जानकारी के लिए पूछताछ के आधार पर आरोपियों को रिमांड पर मांगा था।

डेरों पर उठाए सवाल

सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि उसके संज्ञान में कुछ ऐसे डेरे हैं जिनके प्रमुख पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस पर एमिक्स क्यूरी अनुपम गुप्ता ने कहा कि पीठ हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में स्थित सभी डेरों की जानकारी तलब करे। हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने डेरों, धार्मिक संस्था व गुरुद्वारों पर कुछ पक्ष रखा। अगली सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी अनुपम गुप्ता पीठ को एक रिपोर्ट देंगे।

मासूम कहने पर लगे ठहाके

रामपाल के वकील एसके गर्ग नरवाना ने बहस के दौरान कहा कि रामपाल मासूम, साधारण किसान और वरिष्ठ नागरिक हैं। इस पर कोर्ट रूम में मौजूद भारी संख्या में वकीलों और अन्य लोगों के ठहाके छूट गए। वकील नरवाना ने कहा कि रामपाल तो हाई कोर्ट में पेश हो जाते परंतु समर्थकों ने ही आश्रम में रोक रखा था। इस पर भी सभी की हसी छूट गई। खंडपीठ ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि रामपाल को समर्थकों ने ही बंधक बना लिया था तभी वो अदालत में पेश नहीं हुए।

बाहर सुनवाई की मांग

रामपाल के खिलाफ देशद्रोह और अन्य मामलों की हरियाणा में सुनवाई हो या बाहर, इस पर फैसला अगली सुनवाई पर किया जाएगा। एमिक्स क्यूरी एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने इन मामलों की सुनवाई हरियाणा से बाहर करवाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर इन मामलों की सुनवाई राज्य में हुई तो वे इन मामलों को प्रभावित कर सकते हैं।

छह साल से मिली जमानत रद

जस्टिस एम.जयपॉल एवं जस्टिस दर्शन सिंह पर आधारित खंडपीठ ने बृहस्पतिवार सुबह रामपाल को वर्ष 2006 में दर्ज हत्या के एक मामले में हाई कोर्ट से मिली जमानत रद कर दी। इसके बाद रामपाल पुलिस गिरफ्त में रहेगा। 12 जुलाई 2006 को रोहतक के करौंथा सतलोक आश्रम के बाहर जमा भीड़ पर हुई फायरिंग में झज्जर के युवक सोनू की मौत हो गई थी। इस मामले में रामपाल और उसके 37 समर्थकों के खिलाफ रोहतक सदर पुलिस थाने में विभिन्न धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी। हाई कोर्ट ने 2 अप्रैल 2008 को रामपाल को जमानत दी थी।

चंडीगढ़ के हाथ खड़े

चंडीगढ़ के एसएसपी सुरक्षा मनीश ने पीठ से आग्रह किया कि यहां रामपाल को रखने के लिए सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं। इसलिए उसे बाहर ही रखा जाए।

वकीलों ने लगाए नारे

हजारों समर्थकों के बीच घिरा रहने वाला रामपाल हाई कोर्ट अकेला पेश किया गया। रामपाल को अदालत में ले जाते वक्त वकीलों ने शेम-शेम के नारे लगाए।

सुप्रीम कोर्ट से याचिका ली वापस

रामपाल के वकील ने गैर जमानती वारंट से संबंधित उसकी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। 10 नवंबर को गैर जमानती वारंट को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई थी। अदालत ने याचिका को डिसमिस कर दिया है।

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