बचपन की बातों को क्यों भूल जाते हैं हम?

Childhood-being-a-kid-28819412-495-330टोरंटो- मस्तिष्क की कोशिकाओं के विकसित होने से यादाश्त प्रभावित होती है। हम-आप यों-यों बड़े होते हैं त्यों-त्यों अपने बचपन की बातों को भूलते जाते हैं। इसे महसूस तो किया ही होगा आपने। लेकिन आखऱि ऐसा होता क्यों है? कैनेडा के वैज्ञानिकों की मानें तो मस्तिष्क में बनने वाली कोशिकाओं और तंत्रिकाओं के चलते ही हम अपने बचपन की बातों को भूल जाते हैं।
नवजात अवस्था से यों-यों हम बढ़ते हैं त्यों-त्यों हमारे मस्तिष्क की तंत्रिकाएं-कोशिकाएं भी बढ़ती हैं, इससे हमारे सीखने की क्षमता तो बढ़ती है लेकिन हम पुरानी बातों को भूल जाते हैं।
हम सोचते हैं कि हमारे अध्ययन से लोगों को ये समझने में मदद मिलेगी कि हम अपने बचपन की बातों को क्यों भूल जाते हैं। चार या पांच साल से पहले हमारे मस्तिष्क में तेजी से कोशिकाएं बनती हैं जिसके चलते उस दौर की बातें याद नहीं रहतीं।
यह शोध अध्ययन कैनेडा के न्यूरोसाइंस एसोसिएशन के सामने रखा गया है। टोरंटो के हॉस्पिटल फ़ॉर सिक चिल्ड्रेन के डॉ पॉल फ्रैंकलैंड और यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरंटो की डॉ। शहीना जॉस्लीन ये पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि किस तरह मस्तिष्क की कोशिकाएं हमारी याददाश्त पर असर डालती हैं।
ऐसे में उन्होंने अपना ये प्रयोग कम और ज़्यादा उम्र के चूहों पर किया। इन दोनों वैज्ञानिकों ने ये देखा कि ज़्यादा उम्र के चूहों में स्मृति विकसित होने के बाद मस्तिष्क की कोशिकाओं के बढऩे से उनमें भूलने की क्षमता बढ़ती है। जबकि नवजात चूहों में वैज्ञानिकों ने देखा कि स्मृति विकसित होने के बाद मस्तिष्क कोशिकाओं के घटने से भूलने की क्षमता पर असर नहीं पड़ता।

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