आखिर ऑस्ट्रेलिया का इतना बुरा हाल क्यों हुआ, जानिए 5 कारण

नई दिल्ली। पिछली दो बार की आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम का इसबार इतना बुरा हाल हुआ कि वो लीग मैच से आगे बढ़ ही नहीं सकी। यहां तक कि इसबार उसे एक जीत भी नसीब नहीं हुई। एक जमाना ऐसा था, जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने से विरोधी टीमें घबरा उठती थीं और आज ऐसा है कि हर टीम उसे हराने का साहस रखती है। चैंपियंस ट्रॉफी के लीग मुकाबले में पहले उसे इंग्लैंड ने हराया और अब सोमवार को श्रीलंका ने 20 रनों से हराया। वो तो शुक्र है कि बारिश के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच बिना नतीजे के समाप्त हो गया और ऑस्ट्रेलिया के खाते में 1 अंक चला गया।
श्रीलंका के खिलाफ हारते ही उसे चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होना पड़ा। आइए, जानते हैं वो पांच कारण जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया की यह दुर्दशा हुई है
1. माइकल क्लार्क का अनफिट होना
इसमें कोई शक नहीं कि ऑस्ट्रेलियाई टीम की दुर्दशा के पीछे सबसे बड़ा कारण उसके स्थायी कप्तान माइकल क्लार्क का अनफिट होना है। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए 4 मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान क्लार्क ही इकलौते ऐसे कंगारू बल्लेबाज थे, जो जबरदस्त फॉर्म में थे। चैंपियंस ट्रॉफी में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम को उनसे बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन वे तीनों लीग मुकाबले में अंतिम एकादश से बाहर रहे। श्रीलंका के खिलाफ आखिरी लीग मुकाबले में उनके खेलने की संभावना थी, लेकिन टॉस से पहले उन्होंने खुद को बाहर रखना ही उचित समझा।
2. ऑस्ट्रेलिया के टॉप बल्लेबाजों का बुरा फॉर्म
एक तो माइकल क्लार्क अंतिम एकादश से बाहर थे और ऑस्ट्रेलिया के दूसरे टॉप बल्लेबाज फॉर्म में नहीं थे। बुरा परिणाम सामने आना लाजिमी था। क्लार्क की अनुपस्थिति में शेन वॉटसन, फिलिप ह्यूग्स, ग्लेन मैक्सवेल, जॉर्ज बेली (कार्यवाहक कप्तान) और एडम वोग्स के कंधों पर टीम की बल्लेबाजी का जिम्मा था, लेकिन इनमें से कोई भी कभी ऐसी पारी नहीं खेल सका, जिससे टीम का कुछ भला हो सके।

3. दिशा से भटके गेंदबाज
ऑस्ट्रेलियाई टीम में अछे गेंदबाजों की कमी नहीं है। मिशेल जॉनसन, क्लिंट मैक्के, जेम्स फॉकनर और जेवियर डोहर्टी जैसे टॉप गेंदबाज मौजूद हैं। इसके बावजूद ये विरोधी बल्लेबाजों को रोकने में नाकाम रहे, क्योंकि चैंपियंस ट्रॉफी में इन गेंदबाजों की दिशा भटकी हुई थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम में मैक्के ही इकलौते गेंदबाज हैं, जिन्होंने टूर्नामेंट में 5 विकेट लिए। मिशेल जॉनसन और जेम्स फॉकनर को सिर्फ 3 विकेट ही मिले।
4. डेविड वार्नर की बदतमीजी पड़ गई भारी
शराब पीकर इंग्लैंड के खिलाड़ी जोई रूट से बदतमीजी करने के कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने डेविड वार्नर पर प्रतिबंध लगा दिया। वार्नर पर ऑस्ट्रेलियाई टीम की ओपनिंग बल्लेबाजी का जिम्मा था, लेनिक इन हरकतों से उनसे यह जिम्मा छीन लिया गया। उन्हें न तो न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलने का मौका मिला और ना ही श्रीलंका के खिलाफ। यानी वार्नर ने बुरे दौर से गुजर रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को और गड्ढ़े में गिराने का काम किया।
5. खिलाडिय़ों में सकारात्मक ऊर्जा की कमी
चैंपियंस ट्रॉफी खेलने जो ऑस्ट्रेलियाई टीम आई थी, उसमें सितारे तो बहुत थे, लेकिन मैदान में उन सभी में सकारात्मक ऊर्जा की कमी नजर आ रही थी। मैदान पर हमेशा चुस्त रहने वाले ऑस्ट्रेलियाई कई मौकों पर काफी ढीले नजर आए। उनके अंदर ऐसा बिलकुल भी नहीं लगा कि वे इंग्लैंड चैंपियंस ट्रॉफी जीतने आए थे।
बहरहाल, चैंपियंस ट्रॉफी की ताजा स्थिति यह है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम बाहर हो चुकी है। 19 जून को दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच पहला सेमीफाइनल खेला जाएगा, जबकि 20 जून को भारत और श्रीलंका के बीच दूसरा सेमीफाइनल खेला जाएगा।

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