द.अफ्रीकी फिर साबित हुए चोकर्स, इंग्लैंड फाइनल में

लंदन। आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2013 के पहले सेमीफाइनल में मेजबान इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीकी टीम को एक बार फिर चोकर्स साबित करते हुए उन्हें 7 विकेटों से मात देकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। अब फाइनल में इंग्लैंड का मुकाबला भारत-श्रीलंका के बीच गुरुवार को कार्डिफ में होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा।
आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। इंग्लैंड ने ग्रीम स्वान और टिम ब्रेसनन को अंतिम एकादश से बाहर रखा था। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने पूरी तरह से घुटने टेक दिए। उनकी टीम महज 175 रन बनाकर 38.4 ओवर में आउट हो गई। दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अछी नहीं रही। उसके सलामी बल्लेबाज कोलिन इनग्राम (0 रन), हाशिम अमला (1 रन) सस्ते में चलते बने। इसके बाद रोबिन पीटरसन (30 रन) और फाफ डू प्लेसिस (26 रन) ने विकेट पर टिकने का प्रयास किया लेकिन वे भी असफल रहे। एबी डीविलियर्स (0 रन), जेपी डूमुनी (3 रन) को सस्ते में आउट कर इंग्लैंड के गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों पर दबाब बढ़ा दिया। डेविड मिलर (नाबाद 56 रन) ने मैक्लारेन (1), क्रिस मौरिस (3), रोरी केल्विेल्इट (43 रन) के साथ साझेदारी कर टीम के स्कोर को किसी तरह 175 तक पहुंचाया। दक्षिण अफ्रीका की ओर से सोतसोबे (0) आउट होने वाले आखिर बल्लेबाज रहे। इंग्लिश गेंदबाजों में स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स ट्रेडवेल तीन-तीन विकेट हासिल करके सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए जबकि जेम्स एंडरसन ने 2 और फिन ने एक विकेट हासिल किया।
जवाब में उतरी इंग्लिश टीम को फाइनल में पहुंचने के लिए महज 176 रनों की जरूरत थी और इस छोटे लक्ष्य को उन्होंने काफी आसानी से हासिल भी कर लिया। दक्षिण अफ्रीकी एकादश में उनके सबसे शानदार गेंदबाज डेल स्टेन का मौजूद ना होना भी एक बड़ा कारण बना खराब प्रोटीज गेंदबाजी का। इंग्लैंड को 22 के कुल स्कोर पर एलिस्टर कुक (6) के रूप में शुरुआती झटका जरूर लगा लेकिन उसके बाद इयान बेल (20) और फिर जोनाथन ट्रॉट ने युवा खिलाड़ी जोई रूट (48) के साथ मिलकर स्कोर को तेजी से आगे बढ़ाया और अपनी टीम को जीत की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया। जोनाथन ट्रॉट ने 82 रनों की नाबाद पारी को अंजाम देते हुए इयोन मोर्गन (नाबाद 15) के साथ अंत में मिलकर अपनी टीम को 37.3 ओवर में लक्ष्य और टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचा दिया।

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