खेल और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकता: विजय गोयल

 खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि पाकिस्तान जब तक सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता, तब तक दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय खेल संबंध जारी नहीं रह सकते। गोयल ने भारत सरकार द्वारा एशियाई चैंपियनशिप के लिये स्क्वाश और कुश्ती के पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा देने से इंकार करने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये यह बात कही। उन्होंने कहा कि खेल और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते हैं, पाकिस्तान को यह बात समझना चाहिये। गोयल ने राष्ट्रीय युवा सम्मान के चयन की प्रक्रिया पद्म सम्मान की तर्ज पर ऑनलाइन किये जाने की घोषणा करने के बाद यह बात कही। पाकिस्तान कुश्ती संघ द्वारा कल उसके खिलाड़ियों को भारत सरकार की ओर से वीजा नहीं दिये जाने का खुलासा करने के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमापर आतंकवाद को गंभीरता से लिया है। वीजा नहीं देने के फैसले का मकसद पाकिस्तानी जनता द्वारा वहां की सरकार पर आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिये दबाव बनाना है। उन्होंने कहा कि ‘‘पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।’’ पाकिस्तान कुश्ती संघ की ओर से दावा किया गया कि दिल्ली में 10 से 14 मई तक होने वाली एशियन चैंपियनशिप के लिये भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान की टीम को वीजा देने से इंकार कर दिया है। इससे पहले पाकिस्तान स्क्वाश संघ ने भी चेन्नई में होने वाली एशियन चैंपियनशिप के लिये पाकिस्तानी टीम को वीजा देने से इंकार करने की बात कही थी। इस दौरान गोयल ने अंडर 17 फीफा विश्वकप प्रतियोगिता की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि देश में फुटबाल की यह सबसे बड़ी प्रतियोगिता इस साल के अंत में कोलकाता सहित अन्य शहरों में आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि ‘‘तैयारियों को लेकर लापरवाही बरते जाने की शिकायतें मिलने पर मैं स्वयं मैच के आयोजन से जुड़े शहरों में जाकर तैयारियों का जायजा लूंगा। इस सिलसिले में मेरी केरल के मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से बातचीत भी हो चुकी है और 5 मई को मैं कोलकाता भी जा रहा हूं।’’ गोयल ने कहा कि आयोजन से जुड़े अधिकारियों को तैयारी मुकम्मल करने के लिये सभी जरूरतें 15 मई तक पूरी कर दी जायें। गोयल ने मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय युवा सम्मान की चयन प्रक्रिया में बदलाव की जानकारी देते हुये बताया कि चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिये इसे ऑनलाइन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने हर साल दिये जाने वाले राष्ट्रीय युवा सम्मान की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिये अब इस सम्मान का चयन भी पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर होगा। गोयल ने बताया कि 1985 में शुरू किये गये व्यक्तिगत श्रेणी में दिये जाने वाले राष्ट्रीय युवा सम्मान की राशि भी 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गयी। उन्होंने बताया कि पहले चयन की प्रक्रिया दो चरणों वाली थी। इसके तहत पहले राज्य सरकारों की ओर से अनुमोदित नाम केन्द्र सरकार को भेजे जाते थे। इनमें से कुछ नामों को मंत्रालय चयनित करता था। अब युवा और संगठन स्वयं आवेदन कर सकेंगे। विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिये 25 युवाओं और 10 स्वयंसेवी संगठनों को दिये जाने वाले इस सम्मान के लिये आवेदक को मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। चयनित स्वयंसेवी संगठनों को दो लाख रुपये पुरस्कार राशि दी जाती है। जबकि व्यक्तिगत श्रेणी में 15 से 29 साल तक की आयु के युवा इस सम्मान के लिये आवेदन कर सकते हैं। पुरस्कारों की संख्या में इजाफे की जानकारी देते हुये गोयल ने बताया कि संगठन की श्रेणी में पहले सिर्फ एक पुरस्कार दिया जाता था, अब यह संख्या बढ़ाकर दस कर दी गयी है। जबकि युवाओं को व्यक्तिगत श्रेणी में स्वास्थ्य, अनुसंधान, संस्कृति, मानवाधिकार, कला और साहित्य, पर्यठन, सामुदायिक सेवा, खेल आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिये यह सम्मान दिया जाता है।

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