आंखों के कैंसर के लक्षण

टोरंटो- आंखों का कैंसर, कैंसर का ही एक प्रकार है। आंखों में कई तरह के कैंसर होते हैं। युवाओं में मेलेनोमासामान्य तौर पर पाया जाने वाला आंखों का कैंसर है। वहीं बचों में आंख का कैंसर रेटिनोब्लासटोमा बीमारी के नाम से हो सकता है। आंखों का कैंसर आंख में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि के कारण होता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में प्रत्येक वर्ष दस हजार आंखों के कैंसर के मामले संज्ञान में आते हैं। इनमें से 70 से 80 फीसदी युवा और करीब 20 से 30 प्रतिशत बचे होते हैं। हर साल करीब डेढ़ हजार बचे रेटिनोब्लास्टोमा (बचों में होने वाला आंखों का कैंसर) से ग्रसित होते हैं। हालांकि नई तकनीक व उचित प्रबंधन की बदौलत आंखों की पलकों और आंखों के भीतरी भाग में होने वाले कैंसर को कम किया जा सकता है। आंखों का कैंसर पैदा हुए बचे को भी हो सकता है। जानकारी के अभाव में यादातर लोग आंखों के कैंसर को गंभीरता से नहीं लेते।
बचों में आंखों के कैंसर के लक्षण
आंखों के कैंसर के लक्षण की बात करें तो जिन बचों को यह दिक्कत होती है उनकी आंखों के बीच में सफेद रोशनी दिखाई देने लगती है। इसके अलावा भेंगेपन के कई मामलों में भी कैंसर का खतरा हो सकता है। आंखों के कैंसर का उपचार नेत्र रोग विशेषज्ञ के द्वारा ही कराना चाहिए। पता चलने पर जल्दी से जल्दी इसका उपचार कराना चाहिए। इसकी जानकारी ही इसका पहला बचाव है। इसकी रोकथाम जागरुकता और इससे लडऩे की प्रतिबद्धता से ही की जा सकती है। यदि बचे का नेत्र विशेषज्ञ से समय पर परीक्षण कर लें तो बचे की दृष्टि बचाया जा सकता है। बचों में आंखों के कैंसर के प्रमुख लक्षण-
– आंख की पुतली का सफेद हो जाना (ल्यूकोकोरिया)
– आंखों से तिरछा देखना (भेंगापन)
– मोतियाबिंद के कारण आंखों में दर्द होना (बहुत कम मामलों में)
– आंखों की दोनों पुतलियों के रंग में अंतर होना

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