150 वर्ष पूर्व घटना के लिए प्रधानमंत्री ट्रुडा ने मांगी संसद में माफी

1864 ”चीलकोटीन वार” में निर्दोष तशीलहकोट प्रमुखों को फांसी पर चढ़ा देने के लिए प्रधानमंत्री ने हाऊस ऑफ कॉमनस में मांगी सार्वजनिक क्षमा
औटवा। ब्रिटीश कोलम्बिया की कोलोनियल सरकार द्वारा 150 वर्ष पूर्व निर्दोष छ: प्रमुखों को फांसी पर चढ़ा की घटना के लिए प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने स्वयं माफी मांगी, जिसके लिए उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना घटी थी। ट्रुडो ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार की क्षमा प्रार्थना द्वारा ही वह तशीलहकोट प्रमुखों की निर्मम हत्या का पश्चाताप कर सकते हैं और उस समय की घटना के लिए वह बेहद ही दुखी हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि वह सदैव ही उन प्रमुखों की दिलेरी को सलाम करते आएं हैं जिन्होंने अपनी स्वतंत्रता को अधिक प्राथमिकता दी और इसके लिए हंसते हंसते मौत को गले लगा लिया। उन्होंने कहा कि इन प्रमुखों को सजा देने से पूर्व किसी भी प्रकार की कोई सहमति नहीं पारित की गई, केवल सजा सुना दी गई, जिसके लिए उस समय के तानाशाही राजनेताओं को कैनेडावासी कभी भी क्षमा नहीं कर पाएंगे। गौरतलब हैं कि प्रधानमंत्री द्वारा किए गए इस कार्य ने वर्षों से सरकार व तशीलहकोट प्रजाति के मध्य चली आ रही दूरी को पाटने का प्रयास किया हैं। कैनेडा की इस मूल प्रजाति के लोग अपने प्रमुखों की निर्मम हत्या के लिए कैनेडियन सरकार को दोषी मानती थी, परंतु प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए इस कदम से उन्हें कुछ संतुष्टि मिलेगी और वह वर्तमान सरकार के साथ मिलकर देश की प्रगति में अपना सहयोग दे सकेंगे।
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