तिब्‍बती नागरिकों को मार कर नदी में फेंक रहे हैं चीनी सैनिक

अरुणाचल प्रदेश पर वर्षों से हक जता रहे चीन के सैनिकों की कारगुजारियों को उजागर करती एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वे तिब्बत के लोगों को मारकर नदी में फेंक देते हैं। चीनी सैनिकों की हिमाकत यहीं खत्म नहीं होती है, वे भारतीय इलाके में घुसपैठ कर पत्थरों पर चीनी भाषा में मैसेज लिख जाते हैं कि ”ये इलाका हमारा है।” दैनिक भास्कर के पत्रकार डी वैष्णव ने उस इलाके का दौरा कर अपनी विशेष रिपोर्ट में चीन और उसके सैनिकों के अमानवीय पहलू को उजागर किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश के किविथू से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल पर भारत और चीन के बीच अक्सर तनातनी देखी जाती है। चीनी सैनिक यहां घुसपैठ कर दादागिरी करते हैं। वे इलाके को अपना बताते हैं, फिर भारतीय सैनिक उनका जवाब देते हैं और पत्थरों पर लिखे उनके दावे ठोकने वाले संदेशों को मिटा देते हैं। भारतीय सैनिक जवाब में लिख देते हैं- ‘नो दिस इज इंडिया यू विड्रॉ’।” स्थानीय लोग चीनी सैनिकों की करतूत से पर्दा उठाते हुए बताते हैं कि वे तिब्बती लोगो को अक्सर मारकर उन्हें नदी में फेंक देते हैं।

स्थानीय लोगों के मुताबिक चीनी सैनिकों द्वारा मारे गए तिब्बतियों की लाशें चीन की निगिचू और भारत में आने के बाद लोहित नदी में बहकर आती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से इलाके में गोली तो नहीं चली है, लेकिन चीन मनोवैज्ञानिक दवाब बनाने के लिए हरकतें करता रहता है। रिपोर्ट में बताया गया कि आईटीबीपी के इंस्पेक्टर डी करुणाकर ने बताया कि चीनी सैनिक पत्थरों पर संदेश लिखने के अलावा लाल रंग के बैनर पर भी ऐसे ही संदेश दिखाते हैं जब भारतीय सैनिकों से उनका आमना-सामना होता है। वह बताते हैं कि इसके जवाब में भारतीय सैनिक भी उन्हीं की भाषा में उन्हें जवाब देते हैं। डी करुणाकर ने बताया कि चीन इलाके में  पेट्रोलिंग ज्यादा नहीं करता है, लेकिन रेडोम, सैटेलाइट से निगरानी रखता हैं। इलाके पर दावेदारी को लेकर चीन सालाना दस बॉर्डर पर्सनल मीटिंग में मुद्दा भी उठाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन इलाके में अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर कर रहा है। किबिथू के सामने चीन हेलिपेड, एयर स्ट्रीप, बंकर, रोड कनेक्टिविटी और रेल लाइन बढ़ाई आदि बढ़ा रहा है। डी करुणाकर ने यह भी बताया कि चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसकर शराब की बोतलें, बीयर के कैन, खाने के सामान का कचरा आदि फेंककर उसका फोटो लेकर चले जाते हैं। वहीं किविथू समेत पांच गांव के लोगों के द्वारा चीनी सामान के बहिष्कार की भी बात रिपोर्ट में लिखी गई है।

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