श्रीलंका ने भारत को धो डाला, 161 रनों से हराया

किंग्सटन [जमैका]- वेस्टइंडीज में जारी त्रिकोणीय सीरीज के तीसरे मुकाबले में श्रीलंका ने भारत को 161 रनों से पराजित कर दिया। श्रीलंकाई गेंदबाजों के सामने भारतीय शेर टिक नहीं सके और तास के पत्तों की तरह बिखर गए। श्रीलंका द्वारा दिए गए 349 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया 44.5 ओवरों में 187 रन बनाकर ढेर हो गई।
चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार शुरुआत देने वाली भारतीय सलामी जोड़ी यहां यादा देर तक नहीं टिक सकी। भारतीय टीम को पहला झटका रोहित शर्मा (5 रन) के रूप में लगा। रोहित शर्मा के आउट होने के बाद मुरली विजय बल्लेबाजी के लिए आए। शिखर और विजय ने संभलकर बल्लेबाजी की लेकिन 14.3 ओवर में हेराथ की गेंद पर धवन (24 रन) तरंगा को कैच थमा कर पवेलियन लौट गए। वहीं टीम की अगुवाई कर रहे विराट कोहली (2 रन) पहाड़ सरीखे लक्ष्य के दबाव में आकर जल्दबाजी में शॉट लगा बैठे, जिसे मलिंगा ने आसानी से कैच कर लिया।
इसके बाद मुरली विजय भी यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक सके और 30 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर मलिंगा की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसके बाद दिनेश कार्तिक और सुरेश रैना ने पारी को संभालना शुरू किया, लेकिन कार्तिक 22 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर श्रीलंकाई विकेटकीपर ने स्पंट कर उन्हें पवेलियन भेज दिया। कार्तिक के आउट होने के बाद 33 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर सुरेश रैन रन आउट हो गए। रैना के आउट होते ही जीत की भारतीय उम्मीद धूमिल हो गई। वही रविंद्र जडेजा (नाबाद 49 रन) ने श्रीलंकाई गेंदबाजों का जमकर मुकाबला किया । उनका साथ देने रविचंद्रन अश्विन (4 रन), शमी अहमद (0 रन) और इशांत शर्मा (2 रन) आए लेकिन कोई भी पुछल्ला बल्लेबाज जडेजा का साथ नहीं दे सका। भारतीय टीम की ओर से आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज उमेश यादव (0 रन) रहे। उन्हें मलिंगा ने आउट किया। श्रीलंका की ओर से रंगान हेराथ ने तीन, मलिंगा, सचित्रा सेनानायके दो-दो, एंजेलो मैथ्यूज और नुवान कुलसेकरा ने एक-एक विकेट झटके।
इससे पहले महेंद्र सिंह धौनी की गैर मौजूदगी में भारत के कप्तान बने विराट कोहली ने मंगलवार को टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, लेकिन गेंदबाज पिच की शुरुआती नमी का फायदा नहीं उठा सके। अब तक लगातार शुरुआती ओवरों में भारत को सफलता दिलाने का जिम्मा भुवनेश्वर कुमार ने उठा रखा था, लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं दी गई, जिसका खामियाजा टीम ने भुगता। भुवी की जगह टीम में शामिल किए गए शमी अहमद पूरी तरह से प्रभावहीन दिखे।
श्रीलंका की ओर महेला जयवर्धने साथी खिलाड़ी उपुल तरंगा के साथ ओपनिंग के लिए उतरे। दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। उपुल तरंगा (नाबाद 174 ) और महेला जयवर्धने (107) की सलामी जोड़ी के शतकीय प्रहार और दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 213 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की मदद से श्रीलंका ने त्रिकोणीय सीरीज में भारत के खिलाफ निर्धारित 50 ओवर में एक विकेट पर 348 का विशाल स्कोर खड़ा किया।
जयवर्धने और तरंगा ने सतर्कता के साथ टीम को शुरुआत दिलाई और शुरुआती दस ओवरों में 47 रन बनाए, जबकि आखिरी 16 ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 180 रन बनाए। कप्तान कोहली ने इस जोड़ी को तोडऩे के लिए हर उपाय किया। खुद भी गेंदबाजी के लिए उतरे, रैना को भी गेंद थमाई, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई। अनुभवी जयवर्धने ने पहले तीन अंकों के आंकड़े को छुआ। सौ रन के लिए उन्होंने 107 गेंदें खेलीं और नौ चौके व एक छक्का लगाया। शतक लगाने के बाद जयवर्धने ने अगले ओवर में अश्विन को छक्के के लिए भेजा, लेकिन अगली ही गेंद पर उनका रिवर्स शॉट उमेश यादव के हाथों में चला गया। इसके बाद कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (नाबाद 44) ने खुद को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर उतारा और रन गति को तेजी दी। 40वें ओवर में तरंगा ने 124 गेंद पर अपना शतक पूरा किया। उस वक्त टीम का स्कोर एक विकेट पर 224 रन था। इसके बाद दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर खबर ली। 49वां ओवर फेंकने आए उमेश यादव के ओवर में दोनों ने 22 रन बटोरे, जबकि पारी के आखिरी ओवर में 13 रन बनाए। तरंगा-मैथ्यूज ने 11.2 ओवर में 135 रन की अटूट साझेदारी निभाई। तरंगा ने अपनी 159 गेंद की पारी में 19 चौके और तीन छक्के जड़े, जबकि मैथ्यूज ने 29 गेंद की पारी में चार चौके और एक छक्का लगाया।
भारत की तरफ से उमेश यादव सबसे महंगे साबित हुए। उन्होंने आठ ओवर में 64 रन लुटाए। अनुभवी इशांत ने नौ ओवर में 68 रन दिए और एक भी सफलता उन्हें नहीं मिली। एकमात्र सफलता अश्विन को मिली, जिन्होंने अपने दस ओवर में 67 रन दिए।

 

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