घाटी में हिंसा समाप्त करने के लिए रास्ता खोजना जरूरी : महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज केंद्र सरकार से घाटी में जारी हिंसा रोकने के लिए बीच का रास्ता खोजने की अपील की जो गरीब युवकों और सुरक्षा बलों के जीवन को खत्म कर रही है। जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर और विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर सहित पांच आतंकवादियों की मौत हो गई थी। मुठभेड़ स्थल के पास प्रदर्शनकारियों और कानून एजेंसियों के बीच झड़प में पांच असैन्य लोग भी मारे गए थे। ‘दरबार मूव’ प्रथा के तहत सिविल सचिवालय के कार्यालय के यहां से कामकाज शुरू करने के दौरान महबूबा ने कहा, ‘‘कल पांच लोगों के मारे जाने की घटना बेहद दुखद है। मैं केंद्र सरकार से इस खूनी खेल को रोकने के लिए कोई रास्ता तलाश करने की अपील करती हूं।’’ उन्होंने जम्मू – कश्मीर के लोगों, विशेषकर अभिभावकों से जिंदगी की कद्र करने की भी अपील की।  उन्होंने कहा, ‘‘अल्लाह ने आपको जिंदगी जीने के लिए बख्शी है …18 या 19 साल की उम्र में मौत को गले लगाने के लिए नहीं। ’’।महबूबा ने कहा कि यह हिंसा जो राज्य में युवकों की जान ले रही है उसे रोकने के लिए कोई राह तलाश करनी ही होगी। उन्होंने कहा, ‘‘गरीबों (युवकों) के हाथों में पत्थर और बंदूकें हैं। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कोई बीच का रास्ता निकालना होगा कि ये लड़के मारे ना जाएं और हमारे सैनिक तथा पुलिस कर्मी भी मारे न जाएं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक मुद्दों को राजनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है। महबूबा ने कहा, ‘‘मैंने बार – बार कहा है कि राजनीतिक मुद्दों में राजनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है। मैं युवकों से अपील करना चाहूंगी कि समाज के लिए उनकी ऊर्जा, जवानी, सपने और आकांक्षाएं कब्रिस्तानों में पड़े उनके शवों से कई अधिक महत्वपूर्ण है और मायने रखती है।’’

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