तोक्यो ओलंपिक में दोहरें अंको में पदक का लक्ष्य होना चाहिए: बत्रा

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेन्द्र बत्रा ने आज यहां कहा कि तोक्यो ओलंपिक में देश का लक्ष्य ‘ दोहरे अंकों ’ में पदकों जीतने का होना चाहिए जबकि पेरिस में होने वाले 2024 ओलंपिक में लगभग 25 पदक जीतने का लक्ष्य होना चाहिए। आईओए के अध्यक्ष को लगता है कि ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन 2032 ग्रीष्मकालीन खेलों की मेजबानी के दावे के लिए लोगों का समर्थन प्राप्त करने में मदद करेगा। बत्रा ने पिछले महीने भारत के दौरे पर आए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष थामस बाक से कहा था कि भारत 2032 ओलंपिक , 2026 युवा ओलंपिक और 2030 एशियाई खेलों की मेजबानी का दावा पेश करेगा। बत्रा ने कहा, ‘‘तोक्यो (2020) ओलंपिक में हमारा लक्ष्य दोहरे अंकों में पदक जीतने पर होना चाहिए और 2024 पेरिस ओलंपिक में लगभग 25 पदक जीतने पर होना चाहिए। हम 2032 ओलंपिक की मेजबानी का दावा पेश करने चाहते है और इसके लिए हमे ऐसा प्रदर्शन चाहिए होगा। अगर हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और ओलंपिक में पदक नहीं जीते तो लोगों का समर्थन हासिल करना मुश्किल होगा।’’

उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीते बैडमिंटन खिलाड़ियों के सम्मान समारोह में कहा, ‘‘हमें 2020 और 2024 ओलंपिक के लिए योजना बनाना है और देश में प्रतिभा खोजना है। इस काम को राष्ट्रीय संघों और सरकार को साथ मिलकर करना होगा। हमें सरकार के साथ काम करना है क्योंकि उनके पास टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम जैसी योजनाएं हैं।’’ इस मौके पर बत्रा ने राजनेताओं द्वारा राष्ट्रीय खेल संघों की अध्यक्षता करने को भी सही करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेलों में 66 में 60 पदक ऐसे खेलों से आए जिसके अध्यक्ष राजनेता है। बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कुश्ती, भारोत्तोलन , निशानेबाजी कुछ ऐसे खेल है जिसकी अध्यक्षता राजनेता करते है और वे देश को पदक दिला रहे है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनेताओं का राष्ट्रीय खेल संघों की अध्यक्षता करना बुरा नहीं है बल्कि ऐसा भारतीय खेलों के लिए सही है।’’ इस बीच, भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार सफलता के लिए बैडमिंटन खिलाड़ियों को एक करोड़ तीस लाख (1,30,00,000) रुपये के नकद इनाम के साथ सम्मानित किया। बीएआई के अध्यक्ष हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा, “मुझे राष्ट्रमंडल खेलों में हमारे खिलाड़ियों के जीत के जश्न मनाने वाले कार्यक्रम में शामिल होकर खुशी मिल रही है। उन्होंने न केवल इतिहास बनाया है बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत का नाम शीर्ष देशों में शामिल करवाया।’’
मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचने वाली भारतीय टीम को 50 लाख रुपये (10 खिलाड़ियों में से प्रत्येक को 5 लाख रुपये) के चेक के साथ सम्मानित किया गया। महिला एकल में स्वर्ण पदक जीतने के लिए साइना नेहवाल को 20 लाख रुपये और एकल स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले पीवी सिंधू और किदांबी श्रीकांत को 10-10 लाख रुपये से सम्मानित किया सत्विकराइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की युवा पुरुषों की युगल जोड़ी को साढ़े सात लाख रुपये दिए गए। अश्विनी पोनप्पा और सिक्की रेड्डी की महिला युगल जोड़ी को कांस्य पदक जीतने के लिए प्रत्येक को 3.75 लाख रुपये दिए गए। ऐतिहासिक उपलब्धि के प्रति उनके योगदान के लिए पूरे कोचिंग स्टाफ को भी सम्मानित किया गया था। मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को 10 लाख रुपये के साथ सम्मानित किया गया जबकि युगल विदेशी कोच तन किम को तीन लाख रुपये दिए गए।सहायक कोच सियादथ उल्ला सिद्दीकी को डेढ़ लाख रुपये दिए गए जबकि किरण, जॉनसन और गायत्री (सभी फिजियो) को एक – एक लाख रुपये दिए गए।
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