सीमा पार फायरिंग पर भारत के करारे जवाब के बाद पाक बोला, शांति-शांति

पाकिस्तान की ओर से बेवजह की जा रही गोलाबारी पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से दिए जा रहे करारे जवाब का असर सोमवार को दिख गया। घबराए पाकिस्तानी रेंजरों ने सेक्टर कमांडरों से मुलाकात कर कार्रवाई बंद करने की गुहार लगाई। पाकिस्तानी रेंजरों की अपील पर यह मुलाकात सोमवार शाम को साढ़े पांच बजे शुरू हुई जो लगभग एक घंटे चली। इसमें सीमा पर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने पर सहमति बनी। दोनों तरफ के गांवों को गोलाबारी से बचाने और आपस में भरोसा बहाल करने के लिए हर स्तर पर चर्चा शुरू करने पर भी सहमति बनी। अब दोनों देशों के सेक्टर कमांडरों के बीच 21 जून को फिर मुलाकात होगी। पाकिस्तान पिछले 15 दिन से जम्मू के अरनिया, आरएसपुरा, सांबा इलाके के 35 गांवों को निशाना बना रहा था। इससे इन गांवों से पलायन के हालात बन गए थे। शनिवार को देर रात दो जवानों की शहादत के बाद बीएसएफ ने जबरदस्त जवाबी हमला किया था। इससे पाकिस्तान की कई चौकियों को भारी नुकसान हुआ। इस करारे जवाब के बाद पाकिस्तान ने बातचीन की मंशा जताई थी। फ्लैग मी¨टग में सीमा सुरक्षा बल के सात अधिकारियों के दल का नेतृत्व सेक्टर कमांडर डीआइजी पीएस धीमान ने किया। वहीं, पाकिस्तान के तेरह सदस्यीय दल का नेतृत्व चिनाब रेंजर्स सियालकोट के सेक्टर कमांडर ब्रिगेडियर अमजद हुसैन ने किया। रेंजर्स के दल में चार ¨वग कमांडर शामिल थे।
सुधरो या भुगतो: भारत ने पाक से साफ कह दिया कि वह सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान अकारण गोलाबारी व स्नाइपर राइफल से जवानों और आम लोगों को निशाना बनाना बंद कर दे, नहीं तो सीमा पार से किसी भी प्रकार की कार्रवाई कर कड़ा जवाब दिया जाएगा। इस मौके पर बीएसएफ ने सुबूत सौंपे कि पाकिस्तान जानबूझकर रिहायशी इलाकों में गोले दागने के साथ स्नाइपर राइफल से जवानों को निशाना बना रहा है। हमेशा की तरह पाकिस्तान गोलाबारी शुरू करने व फें¨सग के पास से उसके स्नाइपरों के सीमा सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बनाने से मुकर गया। अलबत्ता, पाकिस्तानी दल का कहना था कि उसकी ओर से शुरुआत नहीं, जवाबी कार्रवाई होती है।

सुरंग खोदकर आतंकवादियों को भेजने का मुद्दा भी उठा : सीमा सुरक्षा बल ने जोर दिया कि पाकिस्तान अपने इलाके में आतंकवादियों को फें¨सग के पास न आने दे। इस दौरान सीमा पार से सुरंग खोदकर आतंकवादियों को इस ओर भेजने की कोशिशों पर भी लगाम लगाने का मुद्दा सख्ती से उठाया गया। यह और बात है कि हमेशा की तरह पाकिस्तान बैठक में ऐसे आरोपों से मुकर गया। पाकिस्तानी सेना की तरह उसके रेंजर्स का भी यही कहना था कि उसके इलाके में भारतीय गोलाबारी से भारी नुकसान हो रहा है।

मौजूदा वर्ष में तीसरी बार दोनों देशों के बीच मीटिंग

मौजूदा वर्ष में दोनों ओर के सीमा प्रहरियों के बीच सेक्टर कमांडर स्तर की यह तीसरी फ्लैग मी¨टग थी। इससे पहले सीमा पर भारी गोलाबारी के बाद पहले 25 जनवरी व 24 फरवरी को फ्लैग मी¨टग में सीमा पर शांति बनाए रखने का समझौता हुआ था। मार्च में भी फ्लैग मी¨टग का फैसला हुआ था, बाद में पाकिस्तान इससे मुकर गया था।

पाक सेना बोली-जंग की गुंजाइश नहीं

इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत में पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ जंग के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए कि दोनों ही देश परमाणु शक्तियां हैं। पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि उनका देश भारत के साथ शांति चाहता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शांति की हमारी इच्छा को कमजोरी के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए।

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